Pulses, Important part Of Diet, Need for Better Health : दाल हमारे डाइट का अनिवार्य हिस्सा है। प्रोटीन का महत्वपूर्ण स्रोत है। इसके बिना हमारा भोजन अधूरा माना जाता है। प्रोटीन नहीं लेने पर सेहत पर तमाम नकारात्मक प्रभाव पड़ते हैं।
हम सामान्य रूप से देखते हैं कि धोकर दाल बना ली जाती है, लेकिन आयुर्वेद कहता है कि दाल बनाने के पहले कुछ समय तक भिगोकर रखें तो आसानी से इसके गुणों को हम अधिक निचोड़ सकते हैं और सेहत के लिए उपयोगी बना सकते हैं। फिर भी खाने पीने को लेकर डाइटीशियन की राय जरूर लेनी चाहिए।
कम हो जाता है एसिड का प्रभाव
पानी में भिगोने से न सिर्फ दाल में मौजूद एसिड के प्रभाव को कम करने में मदद मिलती है, बल्कि ये इसमें जान डालने का भी काम करता है। दाल को भिगोने से इसकी बनावट नरम हो जाती है, जिससे खाना पकाने में ज्यादा वक्त नहीं लगता। अगर आप दाल को बनाने से पहले कुछ देर के लिए पानी में भिगो देंगे तो आपका आधा काम ऐसे ही हो जाएगा।
दाल को पचाना हो जाता है आसान
आयुर्वेद के मुताबिक, पानी में भिगोने से दाल से फाइटिक एसिड और टैनिन निकल जाता है, जो आमतौर पर दाल से पोषक तत्वों को हासिल करने के रास्ते में रोड़ा बनते हैं और सूजन की समस्या पैदा करते हैं। यही वजह है कि कई लोगों को दाल खाने के बाद बेचैनी और भारीपन महसूस होने लगता है। ये एमाइलेज को स्टिमुलेट करने में भी हेल्प करता है, जो मूल रूप से एक एंजाइम है। ये दाल में पाए जाने वाले स्टार्च को ग्लूकोज और माल्टोज में तोड़ देता है और शरीर के लिए इसे पचाना आसान बना देता है।
इस तरह हासिल होंगे ज्यादा पोषक तत्व
दाल को धोने के साथ-साथ भिगोने से ओलिगोसेकेराइड्स को रिमूव करने में भी मदद मिलती है, जो कॉम्पलैक्स शुगर के प्रकार हैं। ये सूजन और बेचैनी का कारण बनते हैं। ज्यादा से ज्यादा पोषक तत्वों को हासिल करने के लिए और बेहतर डाइजेशन के लिए दाल को बनाने से पहले जरूर भिगो लें।