Knowledge For Your Health, Be Careful, Difference Of Migraine & Headache : आज के दौर में समस्याओं से ग्रस्त होने पर कई बीमारियां पैदा हो रही हैं। इनमें सिरदर्द और माइग्रेन की बीमारी भी उभर कर सामने आ रही हैं।थकान, तनाव और उसके बाद ख़राब डायट इस सबके कारण अक्सर लोग सिरदर्द से परेशान रहते है। लेकिन ये भी सोचने वाली बात है कि आपका सिरदर्द सामान्य है या आपको माइग्रेन की शिकायत है। अगर ऐसा है तो आपको तुरंत इलाज कराने की जरुरत है। हां, या ध्यान जरूर रखें कि हेल्थ के मामले में डॉक्टरी सलाह ही सर्वोपरि है।
माइग्रेन और सिरदर्द में अंतर
1।माइग्रेन में हमेशा सिर के आधे हिस्से में दर्द होता है। फिर वह दायीं या बाईं किसी भी तरफ हो सकता है। यह दर्द असहनीय होता है और बीच-बीच में लहरों की तरह उठता है। जबकि सिर का दर्द सिर के किसी भी हिस्से में हो सकता है और यह सामान्य होता है।
2।माइग्रेन में सिर को हाथ लगाने से भी झुंझलाहट होती है, जबकि सिरदर्द में सिर दबाने से भी आराम मिलता है।
3।माइग्रेन में एक मिनट के लिए भी चैन नहीं पड़ता है। भयंकर पीड़ा होती है लेकिन सामान्य दर्द में ऐसा नहीं होता।
4।माइग्रेन में आसपास की आवाज से चिढ़ होने लगती है, तेज ध्वनि बर्दाश्त नहीं होती, सिरदर्द में भी तेज आवाज खराब लग सकती है।
5।माइग्रेन में उल्टी होती हैं। जी मिचलाता है। सिरदर्द में ऐसा नहीं होता है, जबतक कि एसिडिटी की वजह से दर्द न हो।
6।माइग्रेन में रोशनी भी आंखों में चुभती है, सिरदर्द में भी जलती हुई लाइट से परेशानी हो सकती है।
माइग्रेन के दर्द को ऐसे करें कम
माइग्रेन के दर्द को कम करने के लिए योग ही एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसका कोई साइड इफैक्ट नहीं है और किसी भी बीमारी को जड़ से खत्म करने में सक्षम है।
अनुलोम विलोम देगा राहत
इसके बारे में ज्यादातर लोगों को जानकारी होती है, लेकिन अगर आप इस प्राणायाम को रोजाना करते हैं तो निश्चित ही इसका बड़ा लाभ पाते हैं। अगर कहें कि यह सभी प्राणायामों का राजा है तो गलत नहीं होगा। इसमें एक नाक के एक छिद्र से सांस लेकर दूसरे छिद्र से छोड़ी जाती है। यही प्रक्रिया बार-बार दोहरानी होती है। अगर आप रोजाना सुबह 10 मिनट इसका अभ्यास करते हैं तो माइग्रेन, सिरदर्द के अलावा हार्ट संबंधी परेशानियों से भी निजात पा सकते हैं।
योग निद्रा प्राणायाम होता है मददगार
योग निद्रा यानी शवासन माइग्रेन से लेकर दिमाग या मस्तिष्क, न्यूरो संबंधी किसी भी बीमारी के लिए रामबाण है। यह काफी दिलचस्प, पसंद किया जाने वाला और आसान प्राणायाम भी है। सामान्य भाषा में समझें तो इसमें खुद को शव की तरह मन और तन दोनों से मुक्त समझते हुए फ्री होकर लेटना होता है। दिमाग को शून्य करना होता है। कुछ देर में ही इसका असर दिखाई देने लगता है। इसे 10 से 15 मिनट रोजाना करना फायदेमंद हैं।
भ्रामरी प्राणायाम देगा लाभ
रोजाना सुबह शांत जगह पर बैठकर 5 से 7 बार भ्रामरी प्राणायाम करने से भी माइग्रेन में फायदा होता है। इसके लिए सबसे पहले अपनी तर्जनी उंगलियों को दोनों कानों पर रखें। आंख और मुंह को बंद रखते हुए नाक से ही सांस लें और छोड़ें। अगर आप चाहें तो ऊं का उच्चारण भी कर सकते हैं। यह प्राणायाम सिर्फ माइग्रेन और सिरदर्द ही नहीं बल्कि तनाव, डिप्रेशन और चिंता से भी मुक्त करता है।