Health tips : मानसून का आगमन कई मामलों में जहां हमें जलती-चुभती गर्मी से राहत देता है तो जलजनित कई बीमारियां भी अपने साथ लेकर आता है। ठंडी हवा और बारिश में भीगने की वजह से हम सर्दी, खांसी और बुखार जैसी समस्याओं से जहां पीडि़त हो जाते हैं, वहीं इस मौसम में खान पान की लापरवाही भी हमें परेशानियों में डाल देता है। ऐसे में इस मासूम में हमें जहां संतुलित आहार लेना चाहिए, वहीं कुछ खास प्रकार के आहार से परहेज भी करना चाहिए। आइए जानें एक्सपर्ट की राय।
इन बातों पर गौर करना बेहद जरूरी
✓ भूलकर भी स्ट्रीट फूड का सेवन न करें। स्ट्रीट फूड सामान्य तौर पर धूल, मक्खियों और दूषित पानी के संपर्क में रहता है, जिससे गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण और खाद्य विषाक्तता की संभावना बढ़ सकती है।
✓ पालक, मेथी, धनिया, ब्रोकोली, पत्तागोभी और फूलगोभी जैसे क्रूसिफेरस पौधों में नमी के कारण रोगजनक अधिक पनपते हैं। इसलिए इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए। इसकी जगह आप अपनी प्रतिरक्षा बढ़ाने के लिए विटामिन ए, सी और फोलिक एसिड से युक्त गाजर, स्क्वैश, शकरकंद, नारंगी आदि फलों और सब्जियों का सेवन कर सकते हैं।
✓ कच्ची सब्जियों में अपेक्षाकृत अधिक बैक्टीरिया होते हैं जो शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में पकी हुई, उबली हुई या फ्राई की हुई सब्जियों को अपने खाने में प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
✓ मानसून के मौसम में मछली, झींगा और केकड़ों सहित समुद्री भोजन और लाल मांस के दूषित होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में इनसे परहेज करें।
✓नमी की स्थिति दूध, दही या पनीर में अत्यधिक माइक्रोबियल वृद्धि का कारण बन सकती है। ऐसे में पाश्चुरीकृत डेयरी उत्पादों का इस्तेमाल सही होगा।
✓वर्षा के मौसम में विशेष तौर पर खाने से पहले हाथ धोना, साफ बर्तनों और कुकवेयर का उपयोग करना चाहिए। भोजन को उचित तरीके से संग्रहित करने के साथ-साथ ताजी सामग्री से तैयार ताजा पका हुआ गर्म भोजन लेना उपयुक्त होगा।