Health tips, fatty, health alert, home remedy : यह तो सब जानते हैं कि अपनी क्षमता से अधिक खाना और क्षमता से काफी कमकाम करना हमें मोटापे की ओर धकेलता है। पेट तो एक बैंक की तरह है। जो हम खाते हैं वह कैलोरी के रूप में जमा हो जाता है जो हम श्रम करते हैं वह कैलोरी के रूप में हम खर्च करते हैं। अगर हम बैंक में ज्यादा डालेंगे और निकालेंगे कम तो वह जमा होता जाएगा। अगर आप भी मोटापे के शिकार हैं तो तीन पहलुओं पर प्रयास कर उसे नियंत्रण में रखें।
✓ कैलोरी का सेवन कम करें। शरीर को कम कैलोरी मिलेगी तो वह पहले से जमा कैलोरी का प्रयोग करेगा।
✓कैलोरी को अधिक खर्च करें। व्यायाम और श्रम कर हम कैलोरी को खर्च कर सकते हैं।
✓तनाव और दबाव कम लें। अक्सर लोग तनाव या दबाव के कारण अधिक खाना खाते हैं।
ये गलतियां जो हम बार-बार करते हैं
कम बार खाना, खूब खाना
अक्सर हम लोग बार-बार खाने से बेहतर एक ही बार पेट भर खाना चाहते हैं। उस समय खूब भूख लगी हो तो हम कैलोरी का ध्यान न रखते हुए पेट भरने तक खाते जाते हैं। परिणाम होता है वजन का बढ़ना। अगर हम प्रात: 8.30 बजे नाश्ते के बाद 11.30 बजे कुछ हेल्दी ले लेते हैं जैसे फल, स्प्राउट्स आदि तो दोपहर दो बजे तक भूख कम लगेगी और हम कम खाएंगे। ऐसे ही दोपहर के खाने के बाद सीधा रात्रि में भोजन न खाएं। बीच में 4.30 -5.00 बजे दो मेरी के बिस्किट या भुना चना (नमकीन) चाय के प्याले के साथ ले सकते हैं। रात्रि में भूख कम लगेगी और भारी खाना भी नहीं खाया जाएगा।
सप्ताह के आखिर में दावत उड़ाना
बहुत सारे लोग सप्ताह भर अपने खाने पर नियंत्रण करते हैं क्योंकि काम के साथ वे ऐसा मैनेज कर लेते हैं पर सप्ताह के अंत में डटकर खाते हैं और मोटे हो जाते हैं। उन्हें लगता है सप्ताह भर खाना सीमित खाया है, दो दिन खाने से क्या अंतर पड़ता है। यह सोच गलत है। सारे सप्ताह संयम के बाद दो दिन में इतना खाने भर से शरीर में कैलोरी का भंडार इकट्ठा हो जाता है, इससे पूरे हफ्ते का संयम बेकार हो जाता है।
खाने के बाद मीठे का शौक
अधिकतर लोगों की आदत होती है कि खाने के बाद कुछ मीठा हो जाए पर यह सेहत के लिए बिलकुल ठीक नहीं। खाने में हमने कार्बोहाइड्रेट लिए होते हैं। उसके बाद मीठा लेना नुकसान पहुंचाता है। कैलोरी के बाद एक्स्ट्रा कैलोरी। अगर मीठे के शौकीन हैं तो किशमिश और सौंफ या गुड़ ले सकते हैं पर थोड़ी मात्रा में। गुड़ से शरीर को आयरन प्राप्त होता है। सौंफ खाना पचाने में मदद करती है और किशमिश सीधे ग्लूकोज में नहीं बदलती। शुगर फ्री खाद्य पदार्थ मार्केट में काफी मात्रा में उपलब्ध हैं। लोग शुगर फ्री लेना पसंद करते हैं प्राकृतिक मीठे से बने खाद्य पदार्थों के स्थान पर लेकिन शुगर फ्री का सेवन भी लंबे समय तक लेना ठीक नहीं है क्योंकि शुगर फ्री में आर्टिफिशयल मिठास होती है जो देर तक लेने से नुकसान पहुंचाती है।
समय-असमय खाते रहना
बार-बार छोटी-छोटी मात्रा में कुछ न कुछ खाते रहना भी मोटापा बढ़ावा है। जैसे लोगों का सोचना है एक टॉफी या चॉकलेट से क्या होता है पर कैलोरी तो मिलती है। इस प्रकार यही छोटी चीजें मोटापे की वजह बनती हैं जैसे ईवनिंग में स्नैक्स और जैसे समोसा, पकौड़े, नमकीन, बिस्किट आदि लेना। अगर आपडार्क चॉकलेट के शौकीन हैं तो आप एक छोटा टुकड़ा ही लें या फिर वेफर वालीचॉकलेट खाएं। नमकीन के स्थान पर रोस्टेड मुरमुरे, काले चने और कई तरह केरोस्टेड नमकीन और नॉर्मल पॉपकार्न भी ले सकते हैं। बिस्किट में आप नमकीन बिस्किट या मेरी वाला बिस्किट खा सकते हैं।