National news, National update, New Delhi news, latest National Hindi news, no relation between corona and heart attack : भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अध्ययन के मुताबिक युवाओं में दिल का दौरा पड़ने की घटनाओं का कोरोना वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है। कोरोना टीकाकरण के कारण युवाओं में अचानक मृत्यु की घटनाएं नहीं बढ़ी हैं, बल्कि उनके पारिवारिक स्वास्थ्य इतिहास और जीवन शैली इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। मंगलवार को आईसीएमआर ने जारी अध्ययन रिपोर्ट में बताया कि देश में युवा वयस्कों में अचानक मृत्यु की आशंका कोरोना के बाद अस्पताल में भर्ती होने, मृत्यु का पारिवारिक स्वास्थ्य इतिहास और जीवन शैली इसके कारण हो सकते हैं। आईसीएमआर ने इस अध्ययन में 47 अस्पतालों को शामिल किया था, जिसमें 18-45 वर्ष के आयु के बीच के मरीजों को शामिल किया गया था, जिन्हें कोई दिल से संबंधित बीमारी या दूसरी गम्भीर बीमारी नहीं थी, लेकिन कोरोना के बाद उनकी अचानक मौत हो गयी।
और सामान्य मौत के कारणों का अध्ययन किया
आईसीएमआर ने साल 2021 से 2023 के दौरान अस्पष्ट कारणों से हुई मौत को शामिल कर उनके कारणों पर अध्ययन किया। अध्ययन में यह भी कहा गया है कि मौजूदा प्रदूषण की स्थिति, धूम्रपान, शराब की लत या बहुत ज्यादा शारीरिक व्यायाम भी अचानक हुए मौत के कारण हो सकते हैं। इसके साथ ज्यादा शराब के सेवन से भी अचानक मौत का खतरा बढ़ता है। हालांकि, पिछले दो सालों में अचानक हुई मौतों के पीछे स्पष्ट कारण अलग-अलग हो सकते हैं। उल्लेखनीय है कि जीबी पंत अस्पताल द्वारा एक रिसर्च में भी कोरोना वैक्सीन और हार्ट अटैक के जोखिम बढ़ने के बीच कोई सम्बन्ध नहीं मिला है। इस स्टडी में कुल 1578 लोगों को शामिल किया गया था। अध्ययन में कोरोना का टीका लेने के बाद दिल का दौरा पड़ने के कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं मिले हैं।