Delhi (दिल्ली) के हौज खास थाना पुलिस ने अवैध किडनी ट्रांसप्लांटेशन गिरोह के 10 सदस्यों दबोच लिया है। जांच में पता चला कि ये लोग 20-30 साल के युवकों को निशाना बनाते थे, जिन्हें पैसे की जरूरत होती थी। उन्हें बरगलाकर उनकी किडनी बेच दी जाती थी। गिरोह ने अब तक 20 किडनियां बेचने की बात स्वीकार की है।
एक डॉक्टर भी गिरफ्तार
डीसीपी साउथ बेनीता मेरी ने बताया कि गिरोह के साथ जुड़े एनेस्थेसियोलॉजिस्ट डॉ सौरभ मित्तल को भी गिरफ्तार किया गया है। वह दिल्ली के एक नामी अस्पताल में काम करता है। वही अवैध ट्रांसप्लांटेशन में साथ देता था। उसका साथ देने वाले ओटी टेक्नीशियन कुलदीप रे विश्वकर्मा, ओमप्रकाश शर्मा और मनोज तिवारी को भी गिरफ्तार कर लिया गया है।
कुलदीप गिरोह का मास्टरमाइंड
कुलदीप इस गिरोह का मास्टरमाइंड है। उसने बाकी लोगों को अपने साथ जोड़ा। साथ ही झोलाछाप डॉक्टर सोनू रोहिल्ला के क्लीनिक को ऑपरेशन के लिए चुना। जब जांच की प्रक्रिया हो जाती थी तब पीड़ित को सोनीपत ले जाया जाता था और वहां पर किडनी ट्रांसप्लांट किया जाता था। ये लोग जिन्हें किडनी बेचते थे उससे 30-40 लाख रुपए लेते थे फिर ये पैसे आपस में बांट लेते थे।