Health tips, Health news, health alert, jogging, If you want to be healthy then do jogging in the morning every day : स्वस्थ (healthy) रहने के लिए सुबह की सैर करने की बात हमारे बुजुर्ग भी करते रहे हैं। अब ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में छपी डेनमार्क के विशेषज्ञों द्वारा किए गए एक शोध के अनुसार जो व्यक्ति नियमित जागिंग करते हैं उनकी आयु सीमा जागिंग न करने वाले व्यक्तियों की तुलना में सात साल ज्यादा होती है। इस शोध के शोधकर्ता पीटर श्नोहर के अनुसार लंबी उम्र के अन्य कारणों में सर्वाधिक लाभकारी कारण जागिंग है। जागिंग ही नहीं, अन्य हल्के व्यायाम भी आपको शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखते हैं और बीमार होने की संभावना को कम करते हैं जिससे व्यक्ति बीमारियों का शिकार नहीं होता और लंबी आयु जीता है।
फास्ट फूड बच्चे के विकास में बड़ी बाधा
विशेषज्ञों की मानें तो दिल्ली और बम्बई जैसे बड़े शहरों में फास्टफूड खाने का शौक बढ़ता ही जा रहा है। बच्चों में यह शौक बच्चों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल रहा है और बच्चों में मोटापा भी बढ़ा रहा है। फास्ट फूड में विटामिन न के बराबर होते हैं इसलिए इन्हें जंक फूड कहा जाता है। इन्हें कई बार गर्म किया जाता है जिसके कारण जो हल्के से विटामिन होते हैं वे भी नष्ट हो जाते हैं। पिज़ा, हॉट डॉग, फ्रेंच फ्राइस आदि कभी-कभी खाना तो नुकसानदायक नहीं पर नियमित इन्हें खाने की आदत बना लेना बहुत ही हानिकारक है। आजकल बच्चे दूध के स्थान पर कोक लेना पसंद करते हैं और घर की रोटी, सब्जी खाने की बजाय बर्गर खाना पसंद करते हैं। अभिभावक भी बच्चों को इसके लिए अधिक मना नहीं करते क्योंकि उन्हें लगता है चलो, बच्चा कुछ तो खा रहा है लेकिन उन्हें यह पता नहीं होता कि पोषक तत्वों से रहित फास्ट फूड के सेवन का प्रभाव बच्चों के विकास पर पड़ता है। फास्ट फूड में न केवल कैलोरी की मात्रा और वसा बहुत अधिक होती है, बल्कि विटामिन व मिनरल का भी अभाव होता है जो बच्चों के विकास के लिए बहुत आवश्यक है। इन्हीं गलत आदतों का शिकार होकर बच्चे मोटापे जैसे गंभीर रोगों के शिकार हो रहे हैं।
मोटापा मानसिक रूप से कमजोर भी बनता है
मोटापा न सिर्फ आपके शरीर को बेडौल बनाता है बल्कि मानसिक रूप से भी आपको कमजोर बनाता है। अगर बचपन में ही बच्चा मोटापे का शिकार है तो उसे उम्र बढ़ने के साथ अनेक गंभीर रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती है। इसलिए कोशिश करें कि बच्चे को घर के खाने की आदत डालें। विशेषज्ञों के अनुसार भारत में कोरोनरी हार्ट डिसीज के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है। भारतीयों में यह अमेरिकन व्यक्तियों की तुलना में चार गुना अधिक है। जापान और चीन में भी इसके रोगियों की संख्या भारत से कई गुना कम है। न केवल बड़ी संख्या बल्कि भारत में इस रोग के मरीजों की उम्र भी कम है यानी बहुत छोटी आयु में ही व्यक्ति इसका शिकार है।
आराम पसंद जीवन शैली से हमें बचाना होगा
कोरोनरी हार्ट डिसीज के प्रमुख कारण हैं उच्च रक्तचाप अथवा हाइपरटेंशन, मधुमेह, तम्बाकू का सेवन, उच्च ट्राइग्लिसिराइड, एल डी एल कोलेस्ट्रोल का अधिक स्तर, एच डी एल का कम स्तर और तनावपूर्ण जीवन शैली जिन पर व्यक्ति नियंत्राण पा सकता है। इन सभी कारणों में सबसे बड़ा कारण है आरामपसंद जीवनशैली। यदि हमें स्वस्थ रहना है तो हमें आराम पसंद जीवन शैली से तौबा करना होगा। आज की जीवनशैली ने व्यक्ति को आलसी व आरामपसंद बना दिया है। इसके कारण व्यक्ति कोई शारीरिक श्रम कर अपने को थकाना ही नहीं चाहता। हमारे बड़े बुजुर्ग अपनी उम्र में सक्रिय रहते थे, काम करने पैदल जाया करते थे पर आज व्यक्ति को थोड़ी दूर भी जाना है तो उसे कार या स्कूटर की आवश्यकता महसूस होती है।
महिलाएं भी कतरने लगी हैं मेहनत करने से
आजकल बदलते परिवेश में पुरुष ही नहीं महिलाएं भी घर का काम करने से कतराती हैं। रात को टहलने या घूमने जाने के लिए उन्हें वक्त नहीं मिलता, क्योंकि टेलीविजन पर वह अपने प्रोग्राम नहीं देख पाएंगी। विशेषज्ञों के अनुसार इस जीवन शैली को बदलना बहुत जरूरी है। यही नहीं, सही भोजन करना भी बहुत आवश्यक है इसलिए अपने भोजन में सोयाबीन, फलों, सब्जियों व अनाज को शामिल करें। भोजन में नमक की मात्रा भी कम करें।