New Delhi News: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को 17वें लोकसेवा दिवस के अवसर पर विज्ञान भवन में लोक सेवकों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत आज शासन, पारदर्शिता और नवाचार में नये मानक स्थापित कर रहा है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर लोक प्रशासन में उत्कृष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार भी प्रदान किये।
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भारत में निवेश करने के लिए उत्साहित है और यह सुनिश्चित करना हमारा काम है कि हम इस अवसर को न खोयें। हमें यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि ब्लॉक एवं जिला स्तर पर कोई लालफीताशाही न हो, तभी हम अपने लक्ष्यों को प्राप्त कर पायेंगे। पिछले 10 वर्षों में देश की सफलता ने विकसित भारत की नींव को मजबूत किया है। शासन की गुणवत्ता इस बात से निर्धारित होती है कि योजनाएं कितनी गहराई तक जनता के बीच पहुंचती हैं और उसका जमीनी स्तर पर कितना वास्तविक प्रभाव हुआ है। हम विभिन्न जिलों में इसका प्रभाव देख रहे हैं, स्कूलों में उपस्थिति बढ़ाने से लेकर सौर ऊर्जा को अपनाने तक, कई जिलों ने अपनी प्रतिबद्धताएं पूरी की हैं और कई को उनके प्रयासों के लिए मान्यता दी गयी है।
“इस वर्ष के लोकसेवा दिवस की थीम भारत का समग्र विकास तय“
प्रधानमंत्री ने इस वर्ष के लोकसेवा दिवस को विशेष बताया और कहा कि इस साल संविधान का 75वां वर्ष है और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती का भी वर्ष है। उन्होंने इस वर्ष के लोकसेवा दिवस की थीम भारत का समग्र विकास तय किये जाने पर भी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि यह सिर्फ एक थीम नहीं है, यह राष्ट्र के प्रति हमारी प्रतिबद्धता है। समग्र विकास का मतलब है कि कोई भी परिवार, नागरिक या गांव पीछे न छूटे। वास्तविक प्रगति छोटे बदलावों के बारे में नहीं है, बल्कि बड़े पैमाने पर, सार्थक प्रभाव के बारे में है। हर घर में स्वच्छ पानी होना चाहिए और हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिलनी चाहिए।
प्रधानमंत्री ने लाल किले से दिये अपने भाषण का स्मरण करते हुए कहा कि आज के भारत को आनेवाले एक हजार साल की नींव को मजबूत करना है। एक हिसाब से देखें, तो एक हजार साल की सहस्राब्दी में पहले 25 साल बीत गये हैं। यह नयी शताब्दी का 25वां साल है और नयी सहस्राब्दी का भी 25वां साल है। हम आज जिन नीतियों पर काम कर रहे हैं, जो निर्णय ले रहे हैं, वह अगले एक हजार साल का भविष्य तय करनेवाले हैं। विकसित भारत के हमारे सपने को पूरा करने के लिए विकास के रथ के हर पहिये को एक साथ मिल कर काम करना होगा और हमें अपने सपने को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी।
“व्यवस्थागत बदलाव को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है”
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज हम एक ऐसी दुनिया में जी रहे हैं, जो तेजी से बदल रही है। हमारे वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी और नीति-निर्माण पुरानी प्रणालियों पर काम नहीं कर सकते। यही कारण है कि 2014 से ही व्यवस्थागत बदलाव को सक्रिय रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है। हम खुद को बहुत तेजी से बदल रहे हैं। भारत का आकांक्षी समाज चाहे वह युवा हो, किसान हो या महिलाएं ; अभूतपूर्व सपने और महत्त्वाकांक्षाएं रखता है। इन आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए हमें उतनी ही अभूतपूर्व गति से प्रगति की आवश्यकता है।
इस मौके पर केन्द्रीय कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने 2014 में सरकार बनाने के तुरंत बाद हमें अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार का मंत्र दिया था। इन वर्षों में हमने प्रौद्योगिकी का उपयोग करके इसे प्राप्त करने का प्रयास किया है।