▪︎ अफगानिस्तान से ड्राई फ्रूट, तरबूज व जीरा लेकर आयीं ट्रकें बॉर्डर पर रुकीं
Chandigarh News: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के विरुद्ध लिये गये फैसलों का असर गुरुवार को अटारी बाघा बॉर्डर पर देखने को मिला। पाकिस्तान की तरफ से वीजा लेकर भारत में भ्रमण के लिए आनेवाले किसी भी नागरिक को भारत में प्रवेश नहीं दिया गया। वहीं, इधर से जानेवाले 42 पाकिस्तानी नागरिकों को पूछताछ के बाद अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया गया।
दोनों देशों के बॉर्डर पर अटारी सीमा भारत के अधिकार क्षेत्र में आती है, जबकि बाघा सीमा पाकिस्तान के अधिकार क्षेत्र में आती है। सामान्य दिनों की भांति गुरुवार की सुबह करीब 11:00 बजे पाकिस्तान की तरफ से 100 से अधिक यात्री भारत में घूमने के लिए अटारी बघा सीमा पर पहुंचे थे। इन पाकिस्तानी नागरिकों को भारत सरकार के लिये गये फैसले के बारे में जानकारी नहीं थी। इसके बावजूद भारतीय सैन्य अधिकारियों ने उन्हें नये फैसले से अवगत कराते हुए भारत में प्रवेश देने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान सरकार की तरफ से अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया गया है, जिसके चलते ये नागरिक काफी देर तक भारत-पाक सीमा पर ही बैठे रहे। पाक रेंजरों से बात के बाद वापस लौट गये।
42 पाकिस्तानी नागरिकों अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भेजे गए
इस बीच भारत में घूमने के लिए आये पाकिस्तानी नागरिकों को बुधवार की रात लिये गये फैसले के बारे में पता चला, तो गुरुवार की सुबह वह अटारी बॉर्डर पर पहुंचे। बीएसएफ के अधिकारियों ने पूछताछ के बाद 42 पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी सीमा के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया। उड़ी सर्जिकल स्ट्राइक तथा कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद पाकिस्तान के साथ भारत का सीधा व्यापार तो बंद है, लेकिन अफगानिस्तान से पाकिस्तान के रास्ते अटारी-बाघा सीमा के माध्यम से भारत में तरबूज, ड्राई फ्रूट, जीरा व सेंधा नमक आदि आता है।
किसी कारोबार को लेकर भारत, अफगानिस्तान तथा पाकिस्तान के बीच हुए समझौते के तहत अफगानिस्तान से भारत आनेवाला सामान जब पाकिस्तान की सीमा में प्रवेश करता है, तो उसे भारत की सीमा तक पहुंचाने का जिम्मा पाकिस्तान के चालकों व परिचालकों का रहता है। ऐसे में भारत ने नया फैसला लिये जाने के बाद गुरुवार को अफगानिस्तान से आयीं करीब दो दर्जन ट्रकों को अटारी-बाघा सीमा पर रोक दिये। बीएसएफ तथा कस्टम के अधिकारी इस सम्बन्ध में विदेश मंत्रालय से लगातार सम्पर्क बना रहे हैं, ताकि अफगानिस्तान से आये सामान को भारत में प्रवेश दिया जाये अथवा उन्हें वापस भेजा जाये। इस सम्बन्ध में अभी तक कोई फैसला नहीं हो सका है।