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गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर भारत आने वाले अफगान सिखों को तालिबान शासन ने रोका, PM नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार

गुरु ग्रंथ साहिब को लेकर भारत आने वाले अफगान सिखों को तालिबान शासन ने रोका, PM नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार

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Afghanistan News : अफगानिस्तान के तालिबान शासन ने 11 सितंबर को भारत के लिए रवाना होने वाले अफगान सिखों के एक समूह को गुरु ग्रंथ साहिब को अपने साथ ले जाने से रोक दिया है। इन धार्मिक ग्रंथों को अफगानिस्तान की विरासत का हिस्सा माना गया है। 1990 के दशक में अफगान सिखों ने अपने देश से भागना शुरू कर दिया था। यह अनुमान लगाया जाता है कि अब 100 से भी कम लोग वहां बचे हैं। 60 सिखों का एक समूह भारत आने की तैयारी में है, लेकिन वे अपने चार गुरु ग्रंथ साहिब को भी अपने साथ भारत लाना चाहते हैं। इस मामले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मदद की गुहार लगाई गई है।

तालिबान के कदम की निंदा

अमृतसर स्थित सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने तालिबान के इस कदम की निंदा की है। उन्होंने तालिबान सरकार के फैसले को सिखों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप करार दिया है।

इससे पहले तालिबान के अफगानिस्तान की सत्ता में आने के बाद भारत द्वारा चलाए गए रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अफगान सिख अपने साथ गुरु ग्रंथ साहिब ला रहे थे। उस समय ऐसा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया था।

कई के परिवार आ चुके हैं भारत

तालिबान के इस प्रतिबंध ने सिख समुदाय के सदस्यों के लिए चिंता पैदा कर दी है। अफगानिस्तान में फंसे लोगों में से कई के परिवार ऐसे हैं, जो भारत आ चुके हैं। भारत में करीब 20,000 अफगान सिख हैं। इनमें से अधिकतर दिल्ली में ही रहते हैं। इस बीच धामी ने कहा, “अगर अफगान सरकार वास्तव में सिखों की परवाह करती है तो उसे उनके जीवन, संपत्ति और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। उन्हें पूजा स्थलों पर हमलों से परेशान नहीं करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यक बन चुके अफगान सिखों पर अत्याचार कर उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर किया जाता है। धामी ने कहा, ‘अगर सिख अफगानिस्तान में नहीं रहेंगे तो गुरुद्वारा साहिबों की देखभाल कौन करेगा?’

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