प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के बेटे हमजा शरीफ का पंजाब प्रांत का दोबारा मुख्यमंत्री बनना पाकिस्तान को रास नहीं आ रहा है। हमजा की ताजपोशी के बाद पाकिस्तान में बवाल बढ़ गया है। लोग सड़कों पर उतर कर विरोध करने लगे हैं। देश के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के समर्थक सड़कों पर उतर आए और लाहौर, कराची व इस्लामाबाद समेत देशभर में जमकर विरोध प्रदर्शन किया। दूसरी ओर हमजा शरीफ के मुख्यमंत्री बनाए जाने के निर्णय के खिलाफ इमरान की पार्टी पीटीआई ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में पंजाब असेंबली के डिप्टी स्पीकर दोस्त मोहम्मद मजारी को तलब किया है साथ ही साथ इस मसले को लेकर मुख्यमंत्री हमजा शरीफ को भी नोटिस भेज दिया है।
डिप्टी स्पीकर ने 10 सदस्यों के वोटों की गिनती नहीं की
बता दें कि आनन-फानन में पंजाब के राज्यपाल बलिघुर रहमान ने शनिवार को हमजा को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई थी। इससे पहले पंजाब प्रांत की असेंबली में पाकिस्तान मुस्लिम लीग- नवाज (पीएमएल-एन) के पास बहुमत नहीं था, फिर भी हमजा शरीफ को मुख्यमंत्री पद के चुनाव में विजयी घोषित कर दिया गया था। 368 सदस्यीय पंजाब विधानसभा में हमजा को 179 वोट और उनके प्रतिद्वंद्वी परवेज इलाही को 186 वोट मिले थे। लेकिन डिप्टी स्पीकर ने संविधान के अनुच्छेद 63 ए का हवाला देते हुए पीएमएल-क्यू के दस सदस्यों के वोटों की गिनती नहीं की। इससे इलाही के पक्ष में 176 वोट ही रह गए।
डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक कहां
पीटीआई में डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया। आपको बताते चलें कि अभी हाल में ही हुए पंजाब प्रांत के असेंबली चुनाव में इमरान की पार्टी को बड़ी सफलता प्राप्त हुई थी। इसी कारण पीटीआई ने सत्ताधारी पार्टी पर हमले तेज कर दिए थे। पीटीआई इस प्रांत में अपना मुख्यमंत्री बनाना चाह रही थी, लेकिन डिप्टी स्पीकर ने पीटीआई की उम्मीदों पर पानी फेर दिया।