National News, international News : सरकारी, अर्द्ध सरकारी अथवा निजी क्षेत्र की कंपनियों में नौकरी का ख्वाब देखने वाला युवक ऊंची से ऊंची डिग्रियां हासिल करता है। इस शख्स ने भी कई डिग्रियां अपने नाम की और एक मल्टीनेशनल कंपनी में नौकरी करने लगा। एक महीने काम और इस एवज में उसे मिलते थे बमुश्किल 40 हजार रुपये। सुकून के साथ जीने के लिए यह राशि पर्याप्त न थी। ऐसे में इस युवक ने छोड़ दी नौकरी और करने लगा बैंगन की खेती जानिए उसके इस कदम ने उसका कितना साथ दिया…
नौकरी छोड़ने के पक्ष में नहीं थे परिजन, अब दे रहे शाबाशी
आपको बता दें नौकरी छोड़ने वाले इस शख्स का नाम है वेंकट सामी विग्नेश। तमिलनाडु के वेंकट ने कोरोना काल में नौकरी तब थोड़ी जब कंपनियों में बड़े पैमाने पर छंटनी का दौर था। ऐसे में जब विग्नेश ने नौकरी छोड़ने की बात अपने परिजनों से की तो उन्होंने साफ-साफ मना कर दिया, लेकिन उसकी जिद के सामने स्वजनों की एक न चली। उसने नौकरी छोड़ दी और बैगन की खेती करनी शुरू कर दी, वह भी जापान में। सौभाग्य से वेंकट का यह फंडा काम आ गया। आज हुआ नौकरी से कहीं अधिक कमाई कर रहा है। इससे पहले एक सफल किसान बनने के निमित्त उसने जापान में ही एक बैगन के खेत में कृषि श्रमिक के रूप में नौकरी भी की। वर्तमान में उसकी शुद्ध मासिक कमाई 80 हजार से अधिक है। आज उसके स्वजन भी उसे शाबाशी दे रहे हैं।
विदेश में नहीं रहेंगे, जल्द लौटेंगे स्वदेश, युवाओं को खेती के लिए करेंगे प्रेरित
वेंकट की इच्छा विदेश में रहने की कतई नहीं है। वह जल्द ही स्वदेश लौटने वाले हैं। उनकी योजना अपने देश में लौट कर युवा पीढ़ी को खेती के प्रति प्रेरित करने की है। उन्होंने इन कुछ वर्षों की अवधि में जापान में अत्याधुनिक खेती के जो गुर सीखे उसे वे बड़े फलक पर फैलाना चाहते हैं। वे चाहते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सोच को साकार करते हुए आज के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वाले बने।