आश्चर्यजनक रूप से पाकिस्तान के 75वें स्वतंत्रता दिवस 14 अगस्त को ‘ब्लैक डे’ के रूप में मनाया गया। देश की वर्तमान स्थिति को लेकर वहां के नागरिकों, राजनीतिक कार्यकर्ताओं और विपक्षी दलों ने सरकार के प्रति बड़ा असंतोष दिखाया। कुल मिलाकर 75 वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पूरे पाकिस्तान में अराजकता का माहौल दिखा। इससे स्वतंत्रता दिवस का जश्न फीका पड़ गया। सरकारी तंत्र दिन भर विरोधियों से निपटने में ही लगे रहे। पाकिस्तान के उत्तर और दक्षिण वजीरिस्तान में लोग लंबे अरसे से आतंकवाद का दंश झेल रहे हैं। यहां तालिबान वह इस्लामिक स्टेट जैसे खूंखार आतंकी संगठनों की मौजूदगी ने पाकिस्तानी नागरिकों का जीवन नर्क बना दिया है। यहां पाकिस्तानी सुरक्षाबल देश के नागरिकों को सुरक्षा प्रदान में विफल साबित हो रहे हैं। महंगाई और देश की खस्ताहाल स्थिति को लेकर 14 अगस्त 2022 को देश के राजनीतिक दलों, नागरिकों ने अपने 75 वें स्वतंत्रता दिवस को ब्लैक डे के रूप में मनाया। इसके तहत देशभर के अलग-अलग हिस्सों में सरकार विरोधी प्रदर्शन किया गया।
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने किया शक्ति प्रदर्शन
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने लाहौर हाकी स्टेडियम में वर्तमान सरकार के खिलाफ एक बड़ा शक्ति प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) ने लियाकत बाग से फैजाबाद रावलपिंडी तक सरकार के विरोध में एक बड़ी रैली निकाली। इमरान खान ने अपने लाहौर जलसा में हिस्सा लेने के लिए देशभर के कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया था। पीटीआई कार्यकर्ताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान का संबोधन सुनने के लिए कराची, इस्लामाबाद और रावलपिंडी और अन्य बड़े शहरों में बड़ी-बड़ी स्क्रीन लगाईं थी।
सरकार विरोधी सम्मेलन का किया आयोजन
वर्तमान पाकिस्तानी सरकार के विरोध में टीएलपी ने नाजरिया पाकिस्तान मार्च व लियाकत बाग से फैजाबाद इंटरचेंज तक सम्मेलन का आयोजन किया। इसके लिए टीएलपी कार्यकर्ताओं ने रावलपिंडी में फैजाबाद व मुर्री रोड को बंद कर दिया। दोनों पक्षों के जुलूस के कारण, लाहौर और अन्य शहरों में पूरे दिन सड़कें अवरुद्ध रहीं। इस कारण यहां के लोगों को घंटों सड़क जाम का सामना करना पड़ा।