यूक्रेन और रूस युद्ध के बाद दुनिया के सामरिक समीकरण बदलने की पूरी उम्मीद है। अमेरिकी विदेश विभाग का मानना है कि भविष्य में भारत का सबसे विश्वनीय दोस्त अमेरिका होगा। साथ ही यह भी दावा किया गया कि युद्धोत्तर काल में रूस भारत ही नहीं, किसी भी देश का आकर्षक सहयोगी नहीं होगा।
साक्षात्कार में किया दावा
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सलाहकार और अमेरिकी विदेश के विभाग के काउंसलर डेरेक चोलेट ने एक साक्षात्कार में दावा किया है कि यूक्रेन से युद्ध के बाद भारत का सबसे विश्वसनीय साझीदार अमेरिका ही होगा। उन्होंने दावा किया कि भारत की रक्षा जरूरतों पर खरा उतरने के लिए अमेरिका अतिरिक्त कदम उठाने को भी तैयार है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का प्रशासन भारत के साथ काम करने को लेकर अत्यधिक उत्साहित है। भारत अपनी रक्षा क्षमताओं और रक्षा आपूर्तिकर्ताओं की विविधता बनाए रखना चाहता है और इन प्रयासों में अमेरिका भारत का मजबूत सहयोगी बनने का इच्छुक है।
रूस अपने ही सैन्य उपकरणों को ध्वस्त कर रहा
उन्होंने दावा किया कि भारतीय प्रक्रिया का हिस्सा बनने के लिए अमेरिका नियमों व शर्तों में इस हद तक कोशिश कर रहा है, जैसी पहले कभी नहीं की गयी। चोलेट ने कहा कि आज रूस अपने ही सैन्य उपकरणों को ध्वस्त कर रहा है, ऐसे में रूस की क्षमताओं को देखते हुए वह भविष्य में विश्वसनीय सहयोगी नहीं बन सकता है। पिछले तीन महीनों में रूस पर लगी पाबंदियों के बाद रूस के साथ किसी भी देश के लिए कारोबार करना कठिन हो जाएगा। इसलिए भी रूस अब उतना आकर्षक सहयोगी नहीं रह जाएगा।