…and suddenly the color of the sky started changing, after this…, Breaking news, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, Global News, international news : दुनिया में कभी-कभार ऐसी प्राकृतिक घटनाएं घटती हैं कि मनुष्य चकित रह जाता है। विज्ञान की दुनिया में इसकी वास्तविकता पर रिसर्च होता है और उसके तमाम पहलू हमारे सामने आते हैं। वैज्ञानिक रूप से हम जानते हैं कि भू-चुंबकीय तूफानों की वजह से होने वाली एक प्राकृतिक घटना को ऑरोरा बोरेलिस कहा जाता है। ऑरोरा बोरेलिस के कारण उत्पन्न हुए भयंकर तूफान और चकाचौंध रौशनी की वजह से कई देशों में आसमान का रंग बदल हुआ नजर आया। इसमें सूर्य से निकलने वाली सौर ज्वालाओं और कोरोनल द्रव्यमान के कारण आसमान में चमकदार रोशनी पैदा होती है। इस दौरान तूफान इतना तेज होता है कि संचार को भी बाधित कर सकता है।
नेकेड आई से देख पाना संभव नहीं
जब कोरोनल द्रव्यमान उत्सर्जन से ऊर्जावान कण पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र में पहुंचते हैं तो वे आकाश में अलग-अलग रंग की रोशनी पैदा करने के लिए वायुमंडल के संपर्क में आते हैं। हालांकि, ऑरोरा बोरेलिस को नंगी आंखों से नहीं देखा जा सकता है। लेकिन रात में ऐसी तस्वीरों को कैद किया जा सकता है जिसे आप नन्न आंखों से नहीं देख सकते हैं। बढ़ी हुई सौर गतिविधि के कारण ऑरोरा पृथ्वी के चारों ओर घूमते हैं। इसे उत्तरी रोशनी, ऑरोरा बोरेलिस, दक्षिणी रोशनी या ऑरोरा ऑस्ट्रेलिस के रूप में भी जाना जाता है। इस बार रूस, यूक्रेन, जर्मनी, स्लोवेनिया, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में ऑरोरा बोरेलिस का नजारा देखने को मिला है। नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन के स्पेस वेदर प्रेडिक्शन सेंटर के अनुसार, आखिरी बार इस तरह का सौर तूफान अक्टूबर 2003 में पृथ्वी पर आया था। इसके बाद ऐसी घटना अब घटी है।