वैसे तो चीन और अमेरिका एक दूसरे के मुखर और प्रखर प्रतिद्वंदी हैं। लेकिन अब अमेरिका के लिए चीन बड़ा खतरा बनता जा रहा है। यह आशंका अमेरिका की खुफिया एजेंसी एफबीआई ने जताते हुए चेतावनी तक जारी कर दी है। एसबीआई ने आशंका जताते हुए कहा है कि चीन में बने संचार उपकरण अमेरिका के परमाणु बम के इस्तेमाल के लिए भेजे जाने वाले संदेश को प्रभावित कर सकते हैं। सुरक्षा एजेंसी ने दावा करते हुए बताया है कि चीन निर्मित जासूसी उपकरण अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के अत्यंत गोपनीय संदेशों को प्रभावित कर सकते हैं। इसमें परमाणु बम की देखरेख करने वाले अमेरिका के सामरिक कमांड के संदेश भी शामिल हैं।
अमेरिकी रक्षा विभाग के संचार को पकड़ने और बाधित करने में सक्षम हैं चीन के संचार उपकरण
सीएनएन ने अनुसार एफबीआई का दावा है कि चीनी संचार उपकरण अत्यधिक प्रतिबंधित रक्षा विभाग के संचार को पकड़ने के साथ-साथ उसे बाधित करने में भी सक्षम हैं। इसमें अमेरिका स्ट्रेटेजिक कमांड द्वारा उपयोग किए जाने वाले लोग भी शामिल हैं, जो देश के परमाणु हथियारों की देखभाल करते हैं। अमेरिकी सैन्य प्रतिष्ठानों के पास हुवावे उपकरणों के बारे में व्यापक चिंताएं सर्वविदित हैं। एफबीआई ने जिन सबसे चौंकाने वाली बातों का खुलासा किया है, उनमें ग्रामीण मिडवेस्ट में अमेरिकी सैन्य ठिकानों के पास सेल टावरों के ऊपर चीन निर्मित हुवावे के उपकरण शामिल हैं। एफबीआई के एक पूर्व अधिकारी का दावा है कि यह हमारे द्वारा की जाने वाली कुछ सबसे संवेदनशील चीजों में शामिल है। यह परमाणु के साथ अनिवार्य रूप से कमान और नियंत्रण की हमारी क्षमता को प्रभावित करेगा।
अमेरिका पहले भी लगा चुका है जासूसी का आरोप
आपको बताते चलें कि इसके पहले भी अमेरिका चीन पर जासूसी का आरोप लगा चुका है। अबु हाल में ही अमेरिका ने कहा था कि चीन ने दो अमेरिकी कंपनियों से जो सेना के उपयोग में आने वाली टेक्नोलाजी विकसित करती है, गोपनीय जानकारियां चुराई थीं। अमेरिकी अधिकारियों ने कई बार चीन पर जासूसी का आरोप लगाया है, जिससे दोनों क्षेत्रों के बीच तनाव बढ़ा था। हाल में चीन के छह नागरिकों के विरुद्ध अमेरिका ने आरोप लगाया है, उनमें से एक प्रोफेसर हावझाव को रविवार को ला एंजिलिस में उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह विमान से चीन से अमेरिका पहुंचे।