Kolkata news : बांग्लादेश में छात्र आन्दोलन के हिंसक को जाने के बाद बड़ी संख्या में भारतीय और अन्य देशों के छात्र भारत-बांग्लादेश सीमा पर एकत्रित हो गये हैं। पिछले दो दिनों में करीब 830 छात्रों को सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने भारतीय सीमा के अंदर सुरक्षित किया है।
सूत्रों ने इसकी जानकारी देते हुए शुक्रवार को बताया कि नागालैंड के दावकी में 18 जुलाई तक भारत-बांग्लादेश सीमा स्थित चेकपोस्ट दावकी-तमाबिल के रास्ते भारत में प्रवेश करनेवाले छात्रों की कुल संख्या 474 रही। इसमें भारतीय छात्रों की संख्या 198 थी, जबकि बांग्लादेश के 168 छात्र, नेपाल के 101 छात्र, और भूटान के सात छात्र शामिल हुए हैं।
19 जुलाई दोपहर 1:30 बजे तक की स्थिति के अनुसार, बांग्लादेश से 356 छात्रों ने भारत में प्रवेश किया है। इनमें 200 भारतीय छात्र, 143 नेपाली छात्र, 01 भूटानी छात्र और 12 बांग्लादेशी छात्र शामिल हैं। हालत यह है कि बांग्लादेश के छात्र भी अपनी सुरक्षा के लिए भाग कर भारतीय सीमा में आ रहे हैं। सूत्रों ने बताया कि बीएसएफ ने इन छात्रों को अपने सुरक्षा घेरे में लेकर रखा है। सम्बन्धित छात्रों को उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है।
हालांकि, यह संख्या केवल छात्रों के बारे में बतायी गयी है। कितने पर्यटक या अन्य नागरिक बांग्लादेश से भारत आये हैं, इस बारे में फिलहाल अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है।
बांग्लादेश के हालात पर भारत की सतर्क नजर
विदेश मंत्रालय ने आज कहा कि बांग्लादेश में आरक्षण के विरोध में जारी असंतोष की स्थिति पर भारत सतर्क नजर बनाये हुए हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां साप्ताहिक पत्रकार वार्ता में कहा कि बांग्लादेश में आंतरिक असंतोष के सम्बन्ध में विदेश मंत्री एस जयशंकर स्वयं घटनाक्रम पर नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश में साढ़े आठ हजार विद्यार्थियों सहित 15 हजार भारतीय नागरिक हैं। ये लोग भारत के राजनयिक मिशनों के सम्पर्क में हैं। ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग नागरिकों की सुरक्षा के लिए स्थानीय अधिकारियों के सम्पर्क में है। हमारी ओर से नागरिकों के लिए सलाह जारी की गयी है। साथ ह,ी उनकी सुरक्षा और आवश्यक सहायता के लिए एक हेल्पलाइन 24 घंटे काम कर रही है।