नेपाल सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए चीन की बजाए और भारत से खाद खरीदने का फैसला किया है। नेपाल के इस फैसले से चीन को बड़ा झटका लगा है। बता देगी नेपाल में खाद की किल्लत हो गई है। वह चीन से खाद खरीदने की तैयारी में जुटा हुआ था। लेकिन चीन की लेटलतीफी के कारण नेपाल में खाद की किल्लत हो गई थी। इस कारण वहां के किसानों के साथ- साथ सरकार भी परेशान थी। इस मौके का फायदा उठाते हुए भारत में नेपाल को खाद आपूर्ति करने की पेशकश की, जिसे नेपाल में सहर्ष स्वीकार कर लिया। बता दें कि भारत अपने पड़ोसियों की भरपूर मदद के लिए जाना जाता है।
नेपाल सरकार ने तमाम कानूनी बाधाएं दूर कीं
अब नेपाल के किसानों को खरीफ की फसल के लिए खाद संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। नेपाल सरकार ने चीन की जगह भारत से खाद आयात कर किसानों को उपलब्ध कराने का फैसला किया है। भारत से खाद आपूर्ति संबंधी कानूनी बाधाओं को नेपाल सरकार ने दूर कर दिया है। भारत से खाद मनाने में नेपाल को कम समय में आपूर्ति मिल जाएगी। नेपाल सरकार ने आवश्यक फसल पोषक तत्वों के शीघ्र परिवहन की सुविधा के लिए कानूनी बाधाओं को दूर कर दिया है। इससे नेपाल की कृषि इनपुट कंपनी को नई दिल्ली द्वारा नामित भारतीय आपूर्तिकर्ता को पूर्ण अग्रिम भुगतान करने की अनुमति मिल गई है। नेपाल मंत्रिमंडल ने राज्य के स्वामित्व वाली कंपनी को भारत सरकार द्वारा जारी किए गए गुणवत्ता के प्रमाण पत्र व अन्य कागजी कार्रवाई को स्वीकार करने की अनुमति दी है, जहां पर भारत से पहुंचने वाली खाद उतारी जाएगी।
अपने स्टॉक से नेपाल को तत्काल खाद भेजेगा भारत
गौरतलब है कि नेपाल के कृषि मंत्री महेंद्र राय यादव ने गत माह दिल्ली में भारत के रसायन और उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया से मुलाकात भी की थी। इस दौरान उन्होंने नेपाल में खाद की तत्काल आवश्यकता पर चर्चा करते हुए जल्द इसकी आपूर्ति का अनुरोध किया था। इस पर भारत में सकारात्मक उत्तर दिया था। नेपाल कृषि मंत्रालय के प्रवक्ता प्रकाश कुमार संजेल ने बताया कि नेपाल ने भारत के साथ 150,000 टन रासायनिक उर्वरक की आपूर्ति के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत जल्द ही नेपाल के खाद संकट को कम करने के उपाय के रूप में 50 हजार टन यूरिया और 30,000 टन डीएपी खाद भेज देगा। भारत खाद की यह मात्रा अपने स्टॉक से भेजेगा।