Global News, international news, Britain news, Bulldogs : देश दुनिया में कुत्ते पालने वालों की कमी नहीं है। कुत्ते पालने के एक से बढ़कर एक शौकीन लोग हैं। यह अच्छी बात है, लेकिन कभी आपने सोचा है कि जिस कुत्ते को आप पाल रहे हैं, वही आप पर या आपके किसी परिवार के सदस्य पर हमला कर दे तो क्या होगा। ऐसी कई घटनाएं भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी हो चुकी हैं। वैसे भी बुली डॉग्स को खतरनाक माना जाता है। वह अपने स्वभाव से बहुत ज्यादा आक्रामक और खूंखार होता है। भारत में भी इस नस्ल के कुत्ते ने घर वालों पर ही हमला बोलकर या तो घायल किया है या जान ले ली है। ऐसे में इस कुत्ते के पालने पर सवाल पहले से ही उठाये जा रहे थे। पिछले दिनों आपको लखनऊ वाली घटना तो याद ही होगी, जब एक पालतू कुत्ते ने अपनी ही मालकिन को काट दिया था। गौरतलब है कि लखनऊ में एक पालतू पिटबुल कुत्ते के हमले से उसकी 82 वर्षीय मालकिन की मौत हो गई थी। अब खबर आ रही है कि शुक्रवार को मध्य इंगलैंड में बुली कुत्ते ने एक व्यक्ति को बुरी तरह घायल कर दिया। इससे उसकी मौत हाे गई। इस घटना को देखते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने बुली डॉग्स पर प्रतिबंध लगा दिया।
जानें क्या है मामला ?
ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने शुक्रवार को सोशल मीडिया X के माध्यम से यह जानकारी दी। इधर, स्टैफोर्डशायर पुलिस ने गुरुवार को इन बुली डॉग्स को काबू में न रख पाने के आरोप मेें एक 30 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया गया। बीते दिनों ब्रिटेन में एक्सएल बुली कुत्ते से जुड़ी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। ऐसे में लोग इस नस्ल के कुत्ते पर बैन लगाने की मांग कर रहे थे। इससे पूर्व भी बुली कुत्ते ने इग्लैंड में एक 11 वर्षीय बच्ची पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया था। आये दिन सोशल मीडिया पर इन कुत्तों के हमलों की वीडियोज वायरल होती रहती हैं।
जानिए कैसे होते है बुली डॉग्स
ये कुत्ते भारत, पाकिस्तान के साथ कई देशों में बेहद लोकप्रिय हैं। भारत के हरियाणा और पंजाब में इन कुत्तों को खासतौर पर पलने का चलन है। ये कुत्ते भारी-भरकम कदकाठी के लिए मशहूर अमेरिकन बुली केनेल क्लब नस्ल का कुत्ता होता है, जो अपनी भारी-भरकम शरीरके लिए दुनियाभर में जाना और पहचाना जाता है। इस नस्ल के कुत्तें आकार, ताकत और आक्रामकता के मामले में अन्य कुत्तों की तुलना में बहुत आगे होते हैं। इसका प्रकरण लगाए जाने के पहले भी ब्रिटेन की बड़ी डॉग एसोसिएशंस आधिकारिक तौर पर इस नस्ल को मान्यता नहीं दी थी, लेकिन हाल के वर्षों में एक्सएल ने ब्रिटेन में काफी लोकप्रियता हासिल की है।