China News : चीन में दशकों से कम्युनिस्ट शासन है यहां की जनता सरकार नहीं सुनती है जनता को सरकार के विरोध में आवाज उठाने की इजाजत नहीं है अगर किसी मुद्दे पर जनता ने ऐसा किया तो उसे उसका खामियाजा भुगतना पड़ता है अभी हाल में ही वहां जनता को कई बैंकों से पैसे निकालने पर रोक लगा दी गई है। बैंक ऑफ चाइना ने कहा है कि यहां जमा पैसा एक निवेश है। इसे निकाला नहीं जा सकता। इस फैसले के खिलाफ चीन में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। चीन की कम्युनिस्ट सरकार ने भारी संख्या में सेना के टैंकों को उतार दिया है।
1889 में भी जनता के खिलाफ सड़कों पर उतरे थे टैंक
इस घटना ने पूरी दुनिया को फिर से थियानमेन स्क्वायर की याद दिला दी है। 33 साल पहले 1989 में सरकार के खिलाफ बीजिंग के थियानमेन स्क्वैयर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ भी टैंक उतारे गए थे। इस क्रूर कार्रवाई में 10 हजार लोग मारे गए थे, जिनमें ज्यादातर छात्र थे। अब इसे थियानमेन 2.0 कहा जा रहा है।
10 जुलाई को प्रदर्शन करने सड़क पर उतरे थे 1000 से अधिक लोग
हाल ही में बैंक ऑफ चाइना की हेनान ब्रांच ने घोषणा की थी कि उनके ब्रांच में पैसा जमा कराने वालों की सेविंग्स ‘इंवेस्टमेंट’ हैं और उन्हें निकाला नहीं जा सकता है। इस घोषणा के बाद लोगों का प्रदर्शन और उग्र हो गया है। 10 जुलाई को हेनान के झोंगझोऊ में बैंक ऑफ चाइन की ब्रांच के सामने 1000 से ज्यादा प्रदर्शनकारी इकट्ठा हुए थे और जोरदार प्रदर्शन किया था, लेकिन अब तक चीनी अधिकारी उनकी मांगों को अनसुना करते आए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हेनान में बैंक ऑफ चाइना के ऑफिस के सामने हो रहे भारी विरोध प्रदर्शन को दबाने के लिए चीनी पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के कुछ लोग सफेद कपड़ों में पहुंचे थे।
‘साल 2022 अर्थव्यवस्था के लिए सबसे खराब’
कुछ ही दिनों पहले ऑनलाइन वायरल हुए एक वीडियो में बीजिंग की सिंघुआ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर झेंग युहुआंग ने कहा था कि 2022 चीन के लिए मुश्किल साल है। झेंग के अनुसार 2022 के पहले क्वॉर्टर में चीन में 4.60 लाख कंपनियां बंद हो चुकी हैं और 31 लाख बिजनेस परिवार दिवालिया हो गए हैं। इस साल 1.76 करोड़ कॉलेज ग्रैजुएट निकले हैं, जिससे नौकरियों का संकट पैदा हो गया है। चीन में करीब 8 करोड़ युवा बेरोजगार हैं।