चीन को प्रशांत महासागर से जुड़े 10 देशों के साथ समझौते करने की दिशा में विफलता का सामना करना पड़ा है। इसको लेकर इससे जुड़े देशों ने भारी चिंता भी जताई है। चीन के विदेश मंत्री वांग ई की यात्रा के दौरान देश को मामूली सफलताएं मिली हैं। वांग 10 द्वीप राष्ट्रों के विदेश मंत्रियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की सह-मेजबानी करने के लिए फिजी पहुंचे हैं। वांग और फिजी के प्रधानमंत्री फ्रैंक बाइनीमारामा ने एक संवाददाता सम्मेलन में बात की लेकिन इस सम्बन्ध में सवाल पूछने पर वे बिना उत्तर दिए चले गए।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जताई गई चिंता
हालांकि, बैठक से संबंधी सभी जानकारी नहीं मिल पाई है, लेकिन यह स्पष्ट हो गया कि चीन के मंसूबे बैठक में सफल नहीं हो पाए। बाइनीमारामा ने कहा कि हमेशा की तरह हम नए क्षेत्रीय समझौतों पर किसी भी चर्चा के दौरान अपने देशों के बीच सर्वसम्मति चाहते हैं। इस क्षेत्र में चीन की सैन्य एवं वित्तीय महत्वाकांक्षाओं के बारे में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंताए व्यक्त की गई हैं, जबकि फिजी के कई लोग विदेशी निवेश को फायदेमंद मानते हैं, लेकिन तब तक ही, जब तक यह लोगों का उत्थान करता है।
समझौते पर दूसरे राष्ट्रों से सहमति नहीं बन पाई
वांग को उम्मीद थी कि बैठक में 10 द्वीप राष्ट्र पूर्व-लिखित समझौते का समर्थन करेंगे, लेकिन वे इस पर सभी को सहमत नहीं कर पाएं। माइक्रोनेशिया के संघीय राज्यों के राष्ट्रपति डेविड पैनुएलो ने अन्य प्रशांत नेताओं से कहा कि वह योजना का समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने एक एक पत्र के जरिए आगाह किया कि यह अनावश्यक रूप से भू-राजनीतिक तनाव को बढ़ाएगा और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा उत्पन्न करेगा।