republic day: France becomes the only country to be invited 6 times in the Republic Day Parade, Emmanuel Macron will be the chief guest, National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news : गणतंत्र दिवस पर होनेवाली सालाना परेड में किसी न किसी विदेशी मेहमान को मुख्य अतिथि बनाने की परम्परा रही है। मित्र देशों के राष्ट्राध्यक्ष को परेड का मेहमान बनाने का रिकॉर्ड इस साल फ्रांस ने तोड़ दिया है। इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन भारत के 75वें गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि होंगे, जिससे फ्रांस 06 बार आमंत्रित होनेवाला एकमात्र देश बन जायेगा, जो किसी भी देश के लिए सबसे अधिक है।
भारत सरकार हर साल एक विदेशी नेता को गणतंत्र दिवस परेड के अवसर पर आमंत्रित करती है। भारत में गणतंत्र दिवस के मौके पर विदेशी नेता को आमंत्रित करने का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय सम्बन्धों को बढ़ावा देना और भारतीय संस्कृति की विविधता और समृद्धि को दिखाना है। देश में संविधान लागू होने के बाद प्रथम चार गणतंत्र दिवस परेड समारोह विभिन्न स्थानों (लाल किला, रामलीला मैदान, इरविन स्टेडियम, किंग्सवे मार्ग) पर आयोजित किये गए थे, लेकिन राजपथ (अब कर्तव्य पथ) पर पहली परेड, 1955 में निकाली गई थी। इसमें मुख्य अतिथि के तौर पर पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मुहम्मद को बुलाया गया था।
अब तक यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के प्रतिनिधियों को सबसे अधिक 05-05 बार आमंत्रित किया गया
अब तक यूनाइटेड किंगडम और फ्रांस के प्रतिनिधियों को सबसे अधिक 05-05 बार आमंत्रित किया गया है। इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को आमंत्रित किये जाने से फ्रांस 06 बार आमंत्रित होने वाला एकमात्र देश बन गया है, जो किसी भी देश के लिए सबसे अधिक है। देश के 67वें गणतंत्र दिवस पर 2016 में राजपथ से ऐतिहासिक लाल किले तक निकली परेड में पहली बार किसी विदेशी सैन्य टुकड़ी को शामिल किया गया था। परेड में फ्रांसीसी दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल पॉल बरी कर रहे थे।
फ्रांस के 76 सैनिकों का यह दस्ता जब मार्च पास्ट करता हुआ राजपथ पर गुजर रहा था तो सलामी मंच पर फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद समारोह में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे। लियोन स्थित 48 सदस्यीय ‘द म्यूजिक आफ द इंफैंट्री’ ने दो सैन्य धुनें बजाईं और उपस्थित लोगों ने उनका करतल ध्वनि से स्वागत किया था। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद की यह यात्रा रक्षा, व्यापार और दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करने की पहल पर केंद्रित थी।
तत्कालीन पीएम जैक्स शिराक 1976 में गणतंत्र दिवस परेड के लिए आमंत्रित होने वाले पहले फ्रांसीसी नेता
फ्रांस के तत्कालीन प्रधानमंत्री जैक्स शिराक 1976 में गणतंत्र दिवस परेड के लिए आमंत्रित होने वाले पहले फ्रांसीसी नेता बने। भारत के प्रशंसक शिराक ने संस्कृत का अध्ययन किया था। उन्होंने भारत को एक प्रमुख उभरती शक्ति के रूप में देखा और फ्रांस के साथ राजनीतिक और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इसके बाद 1980 में गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में भारत का दौरा करने वाले फ्रांसीसी राष्ट्रपति वैलेरी गिस्कार्ड डी’एस्टेंग ने भारत-फ्रांस संबंधों में काफी संभावनाएं देखीं। उन्होंने वैश्विक मामलों में भारत की प्रमुख भूमिका को रेखांकित किया।
जैक्स शिराक 1998 में गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति के रूप में भारत वापस आये। एक ऐतिहासिक भाषण में उन्होंने फ्रांस और भारत के द्विपक्षीय संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का प्रस्ताव रखा, जो यूरोपीय संघ के बाहर फ्रांस के लिए पहली बार था। फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी 2008 में गणतंत्र दिवस परेड के मुख्य अतिथि बने। उनकी इस यात्रा ने फ्रांस-भारत रणनीतिक साझेदारी के 10 साल पूरे किए। उनकी इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने और जलवायु परिवर्तन से लड़ने जैसे नए क्षेत्रों में विस्तार करने के लिए नयी प्रेरणा प्रदान की।
भारत ने जो बाइडेन को आमंत्रित किया था, लेकिन..
भारत के 75वें गणतंत्र दिवस पर परेड के लिए भारत ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन को आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने जनवरी में नयी दिल्ली की यात्रा करने में असमर्थता व्यक्त की। फिर फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रॉन को गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया। देश के इतिहास में पहली बार आर्म्ड फोर्सज मेडिकल सर्विसेज की महिला टुकड़ी गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड में शामिल होगी। इसके अलावा भारतीय सेना, भारतीय नौसेना और भारतीय वायुसेवा से भी एक-एक टुकड़ी इस परेड का हिस्सा होंगी, जो भारतीय सेनाओं में नारी शक्ति के बढ़ते वर्चस्व का प्रदर्शन करेंगी।
फ्रांस और भारत के बीच बढ़ती दोस्ती का नतीजा
फ्रांस और भारत के बीच बढ़ती दोस्ती का ही नतीजा था कि पेरिस में इसी साल 14 जुलाई को ‘बैस्टिल डे’ पर हुई फ्रांसीसी सैन्य परेड में भारतीय सैन्य दल भी मार्चिंग दल का हिस्सा बना था। फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी फ्रांसीसीपरेड में सम्मानित अतिथि के रूप में शामिल हुए थे। फ्रांस और भारत के बीच रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ पर भारतीय वायुसेना के तीन राफेल लड़ाकू जेट ने ‘बैस्टिल डे’ पर पेरिस के चैंप्स एलिसीजज के ऊपर फ्लाईपास्ट में उड़ान भरी थी।