French president Macron Los majority in parliament. France (फ्रांस) के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने 19 June को संसद में अपना बहुमत (parliamentary majority) खो दिया। इसके बाद से वहां पर सियासत गरमाई हुई है। गौरतलब है कि हाल ही में हुए चुनावों में फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और धुर दक्षिणपंथी नेता ली पेन के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। इमैनुएल मैक्रों ने ये बाजी जीत ली थी। संसद में बहुमत खोने के बाद इमैनुएल मैक्रों अपनी कुर्सी बचाने के लिए एक नए गठबंधन को सोचने पर मजबूर हो गए हैं, क्योंकि सत्ता में बने रहने के लिए अब ये जरूरी हो गया है।
मात्र 200 से 260 सीटों का समर्थन
मैक्रों राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद अपने सहयोगियों के साथ अगली नेशनल असेंबली में सबसे बड़ी पार्टी बनाने की राह पर थे। लेकिन, हालिया घटनाक्रमों को देखते हुए उनके समर्थन में 200-260 सीटों का ही समर्थन है,जो कि बहुमत के 289 सीटों से कम है।
निराशा में बदली चुनावी जीत
गौरतलब है कि हाल के हुए राष्ट्रपति चुनाव में महंगाई, रूस का यूक्रेन पर हमला और इस्लाम बड़ा मुद्दा बनकर उभरे थे। मैक्रों ने देश की जनता से कई सारे चुनावी वादे भी किए थे, जिसमें पेंशन की उम्र को 62 से बढ़ाकर 65 वर्ष करना और बेरोजगारों को सामाजिक सुरक्षा लाभ देना था। हालाकिं ताजा घटनाक्रम ने मैक्रों की हाल की चुनावी जीत को निराशा में बदल दिया है।