G20 submit, जी-20 sammelan, national news, international news, global News, ameriki president, PM Modi, New Delhi : आज से नई दिल्ली में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन को लेकर 40 से ज्यादा देशों के राष्ट्राध्यक्ष का जुटान हो चुका है। लेकिन, इस सम्मेलन से पाकिस्तान की छुट्टी कर दी गई है, जबकि अपेक्षाकृत इससे छोटे कई देश इस सम्मेलन का हिस्सा बन रहे हैं। आबादी के हिसाब से दुनिया का 5वां सबसे बड़ा देश पाकिस्तान को इस बैठक में शामिल नहीं किया जाना पाक के लिए बड़ी अफलता है।आखिर ऐसा क्यों, आइये जानें…
कूटनीतिक तौर पर पाकिस्तान की बड़ी असफलता
जी-20 से पाकिस्तान को दूर रखे जाने पर पाक के पूर्व वित्त मंत्री जावेद अहमद बुर्की ने न सिर्फ चिंता जताई है, बल्कि कूटनीतिक तौर पर उन्होंने पाकिस्तान के लिए इसे सबसे बड़ा असफलता बताई है। बहरहाल, इस सम्मेलन में अमेरिका, रूस, जर्मनी, चीन, सऊदी अरब, ब्रिटेन, कनाडा, इंडोनेशिया, तुर्की, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, जापान, ब्राजील, इटली और अर्जेंटीना जैसे देश हिस्सा ले रहे हैं। आबादी और क्षेत्रफल की बात करें तो पाकिस्तान भले ही बड़ा हो, परंतु इकोनॉमी के मामले में यह पोलैंड, बांग्लादेश और स्वीडेन जैसे देश से भी पिछड़ा है।
चीन के साथ रहकर अकेला तो नहीं पड़ गया पाकिस्तान
बुर्की का मानना है कि जी-20 देशों में शामिल न होना पाकिस्तान की कूटनीतिक असफलता भी है। उनके अनुसार यदि जी-20 में पाकिस्तान को एंट्री मिल जाए तो वह दुनिया में साइड खड़े होने वाले देशों की स्थिति से खुद को बचा सकता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का चीन के पाले में जाना भी इसकी एक वजह है क्योंकि भारत और अमेरिका एकजुट होकर पाकिस्तान का विरोध करते हैं। जबकि वह चीन के साथ रहकर अकेला पड़ गया है। वह कहते हैं कि पाकिस्तान को वैश्विक स्तर पर ऐसे रिश्ते रखने होंगे कि जी-20 में एंट्री का माहौल तैयार हो सके।