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पीएम मोदी की अगुवाई में चीन को पछाड़ रहा भारत, दुनियाभर निवेशक भारत में कर रहे निवेश

पीएम मोदी की अगुवाई में चीन को पछाड़ रहा भारत, दुनियाभर निवेशक भारत में कर रहे निवेश

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National top news, national news, national update, national news, new Delhi top news, Mumbai news : हम सभी लम्बे समय से सुनते आ रहे हैं 21वीं सदी भारत की होगी। लेकिन, अब मोदी सरकार में यह सच साबित होता दिख रहा है। विदेशी निवेशक भारत की ग्रोथ स्टोरी को लेकर विश्वास जता रहे हैं। यही वजह है कि लम्बे समय से चीन में निवेश करनेवाले निवेशक अब भारत की ओर रुख कर रहे हैं। 

भारत की तेजी के साथ बढ़ती अर्थव्यवस्था में हर कोई निवेश के लिए आगे आता दिखाई दे रहा है। जापान के रिटेल इंवेस्टर्स जिनके विषय में प्रचलित है कि ये रूढ़िवादी होते हैं। लेकिन, वे भी अब भारत में निवेश कर रहे हैं। वहीं, चीन में अपना निवेश घटा रहे हैं। इसके अलावा कई प्रमुख हेज फंड भी भारत का रुख कर रही हैं। यह दर्शाता है कि आनेवाले समय में चीन की अर्थव्यवस्था के मुकाबले भारत की अर्थव्यवस्था बहुत ही बेहतर होगी। 

चीन और भारत पर दुनिया की कड़ी नजर 

दुनिया भर के निवेशक वर्तमान में चीन और भारत पर कड़ी नजर बनाये हुए हैं। पिछले 01 दशक के दौरान भारत में पीएम मोदी की अगुवाई में इंफ्रास्ट्रचर और कनेक्टिविटी पर बहुत काम हुआ है, जिसकी वजह निवेशक भारत में  निवेश को लेकर उत्सुक दिखाई दे रहे हैं। जहां एक तरफ भारत दुनिया की सबसे तेज ग्रोथ करने वाली इकोनॉमी है, वहीं दूसरी चीन कोविड-19 के बाद से ही जूझ रहा है।

दहाड़ रहा है शेयर बाजार 

सिंगापुर का मानना है कि भारत पर विश्वास जताने की कई वजहें हैं। यहां एक लॉन्ग टर्म ग्रोथ स्टोरी है। भारत के प्रति निवेशकों का यह रुख नया नहीं है। ग्लोबल लेवल पर भारत की तरफ निवेशकों के बढ़ते कदम की आहट दोनों देशों के शेयर बाजारों से समझा जा सकता है। जहां एक तरफ बीएसई सेंसेक्स में अप्रैल 2023 के बाद तेजी देखने को मिल रही है। वहीं, चीन का संघाई शेनजेन सीएसआई 300 इंडेक्स में गिरावट देखने को मिली है। 

भारत और चीन के बीत प्रतिद्वंदिता किसी से छिपी नहीं

इतिहास इस बात के गवाह रहे हैं कि भारत का शेयर बाजार और अर्थव्यवस्था की रफ्तार एक दूसरे से जुड़े रहे हैं। अगर इंडियन इकोनॉमी की ग्रोथ रेट 07 प्रतिशत बरकरार रही तब मार्केट में साइज में भी इतने का इजाफा देखने को मिल सकता है। पिछले 20 सालों के दौरान घरेलू प्रोडक्ट एंड मार्केट कैपिटल 500 बिलियन डॉलर से बढ़कर 3.5 ट्रिलियन डॉलर पहुंच गया है। 

भारत और चीन के बीत प्रतिद्वंदिता किसी से छिपी नहीं है। अगर पश्चिमी देशों को चीन एक खतरा नजर आया तब स्वाभाविक तौर पर उसका फायदा भारत को मिलेगा। अमेरिका जैसे देश जो भारत की टैक्स प्रणाली के मुखर आलोचक हैं, वहां देश के साथ मजबूत बिजनेस चाहते हैं। भारत इस समय दुनियाभर के 07 प्रतिशत आईफोन का उत्पादन करता है, जो बढ़ती अर्थव्यस्था का एक संकेत है। 

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