India (भारत) ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की टिप्पणी पर ऐतराज जताते हुए माकूल जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने 16 मई को कहा- हम इस बात से निराश हैं कि OIC सेक्रेट्रिएट ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों पर अनुचित टिप्पणी की है। जम्मू-कश्मीर हमारा अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।
बागची ने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर कहा कि इस संगठन को किसी एक देश के इशारे पर अपना सांप्रदायिक एजेंडा फैलाने से परहेज करना चाहिए। गौरतलब है कि OIC ने जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को लेकर भारत की आलोचना की थी, जिसके तुरंत बाद भारत ने प्रतिक्रिया दी है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर की विधानसभा और लोकसभा सीटों के परिसीमन को लेकर केंद्र के आयोग ने मई की शुरुआत में अपनी अंतिम रिपोर्ट सौंपी थी।
क्या कहा था OIC ने
इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) ने 16 मई को ट्वीट कर जम्मू कश्मीर में परिसीमन को लेकर आपत्ति जताई थी। इसमें कहा गया था कि भारत का यह प्रयास जम्मू कश्मीर के डेमोग्राफिक ढांचे को बदलने और कश्मीरी लोगों के अधिकारों का उल्लंघन है। OIC ने कहा- परिसीमन की यह प्रक्रिया चौथे जिनेवा कन्वेंशन सहित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्तावों और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का भी उल्लंघन है।
57 देश हैं OIC के मेंबर
1967 की अरब-इजराइल जंग के बाद मई 1971 में OIC की स्थापना हुई। इसका पूरा नाम ऑर्गनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन है। आपको जानकर हैरानी होगी कि इसका मकसद ही फिलिस्तीन की मदद करना और उसे इजराइल के साए से मुक्त कराना था। शुरुआत 30 देशों से हुई थी, आज 57 देश इसके सदस्य हैं। इनकी कुल मिलाकर आबादी करीब 180 करोड़ है। अमूमन हर दौर में सऊदी अरब का ही इस पर दबदबा रहा। इसकी दो वजह हैं। पहली- मुस्लिमों की आस्था के दो सबसे बड़े केंद्र यानी मक्का और मदीना सऊदी में ही हैं। दूसरी- आर्थिक तौर पर कोई दूसरा मुस्लिम देश सऊदी के आसपास भी नहीं फटकता।