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इजरायली महिला की आपबीती : आतंकवादियों की कैद में रहने के बावजूद वे नहीं कर सके मेरा बलात्कार

इजरायली महिला की आपबीती : आतंकवादियों की कैद में रहने के बावजूद वे नहीं कर सके मेरा बलात्कार

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Israel- Hamas war, Global News, Israeli women Mia schme, international news : इजराइल और हमास के बीच अभी भी युद्ध जारी है। अब तक यह युद्ध हजारों जानें ले चुका है। कई लोगों के लिए तो यह युद्ध जीवन भर के लिए घाव दे दिया है। इस युद्ध में सबसे ज्यादा अत्याचार तो बंधक बनाई गयी महिलाओं के साथ हुआ है। कई बंधक माहिलाओं की बेदर्दी से हत्या की गयी। उनके साथ कई हमास आतंकियों ने बलात्कार किया। लड़कियों को टॉर्चर करके हत्या की गयी। ऐसी स्थिति में एक बंधक महिला ऐसी थी, जिसके साथ आतंकवादियों ने बलात्कार नहीं किया। उक्त महिला ने इस बाबत पूरी कहानी बताई है। उसने कहा कि इजरायल की लड़कियों और महिलाओं के साथ आतंकियों ने हर दरिंदगी को पार कर दिया था। वह मंजर जब भी याद आता है। मेरा मन अंदर से हिल और सिहर जाता है।

आतंकियों की पत्नी और बच्चे हमारे साथ थे, इसलिए..

21 साल की टैटू कलाकार मिया शेम, जो 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर हमास के हमलों के दौरान बंधक बनाए गए 250 लोगों में शामिल थी। उसने बताया कि जब उसका अपहरण किया गया तो उसे गाजा पट्टी में अपहरणकर्ता के घर में बंदी बनाकर रखा गया था। उसे इस बात का भय सता रहा था कि आतंकवादी उसके साथ भी बलात्कार करेंगे। 

इजराइल के चैनल 13 से बात करते हुए मिया शेम ने कहा कि हमास आतंकवादी समूह से जुड़े उसके अपहरणकर्ता ने उसके साथ बलात्कार नहीं किया, क्योंकि उसकी पत्नी और बच्चे वहां मौजूद थे। मिया शेम ने पहले कहा था कि उन्हें कुछ ऐसे परिवार मिले जो हमास के लिए काम कर रहे थे। उसने कहा कि कैद में उसका “सबसे बड़ा डर” बलात्कार था। उसे करने का तनिक भी डर नहीं था। उसने आगे बताया कि अपहरणकर्ता की पत्नी और बच्चों की उस घर में उपस्थित के कारण ही आतंकवादियों को मेरा बलात्कार करने में सफलता नहीं मिली।  शेम ने कहा कि उसे बंधक बनाने वाले ने उस पर से अपनी नजरें नहीं हटाईं। शेम को सुपरनोवा फेस्टिवल नामक एक रेगिस्तानी रेव पार्टी की साइट से अपहरण कर लिया गया था। नवंबर के अंत में उसे युद्धविराम समझौते के तहत रिहा कर दिया गया था।

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बातचीत करने की बिल्कुल मनाही थी

शेम ने कहा कि उसे एक अंधेरे कमरे में रखा गया था। कैद के दौरान बात करने की बिल्कुल मनाही थी। यदि कोई बातचीत करता दिखता था तो उसे गोली मार दी जाती थी। तबीयत खराब होने के बाद भी उसे बंदी बनाने वालों की ओर से कोई दवा नहीं मिली। मिया शेम बंधकों के बीच प्रमुख चेहरों में से एक बन गई थीं, क्योंकि उसे हमास के एक वीडियो में इज़राइल से उसे बचाने का आग्रह करते हुए देखा गया था। शेम के आरोप 7 अक्टूबर के हमले में बचे लोगों द्वारा रिपोर्ट की गई यौन हिंसा के विवरण के अनुरूप हैं। हमास द्वारा मुक्त किए गए बंधकों और शेम के आरोप में समानता पाई गई है।  इज़रायली अधिकारियों ने आरोपों को दोहराया है कि 7 अक्टूबर को गाजा पट्टी से पार करने वाले आतंकवादियों ने हिंसक सामूहिक बलात्कार और जननांग विकृति को अंजाम दिया। आतंकवादियों ने बंधक बनाए गए इजरायली बच्चों और लाशों के साथ भी यौन कृत्य किया। 

250 इजरायली नागरिकों को ले गए थे आतंकी

गौरतलब है कि 7 अक्टूबर को दक्षिणी इज़राइल पर हमला करते समय हमास आतंकवादियों द्वारा लगभग 250 बंधकों को गाजा पट्टी में ले जाया गया था। इजरायली आंकड़ों के आधार पर एएफपी टैली के अनुसार, हमले में लगभग 1,140 लोग मारे गए थे। गाजा में करीब 129 बंधक अभी भी कैद में हैं। 7 अक्टूबर के हमले के बाद इज़राइल ने गाजा पट्टी पर शासन करने वाले हमास को नष्ट करने की कसम खाई है। हमास द्वारा संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गाजा में इसके जवाबी हमले में 21,500 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं।

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