भारत पर दबाव कायम रखने के लिए चीन अब पाकिस्तान का सहारा ले रहा है। आइएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार चीन ने पाकिस्तान से अपने रक्षा सहयोग को और बढ़ाने का फैसला लिया है। इसके तहत चीन पाकिस्तान में अपने हथियारों का निर्यात और बढ़ाएगा। इसमें चीन की ओर से पाकिस्तान को स्टील्थ फाइटर्स से लेकर पनडुब्बियों तक की बिक्री शुरू की गई है। चीन के इस कदम को भारत पर दबाव बनाए रखने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है।
दक्षिण एशिया में प्रभुत्व कायम करना मकसद
बता दें कि दक्षिण एशिया में चीन अपने रक्षा विस्तार को बढ़ाने के इरादे से आगे बढ़ रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि पाकिस्तान के साथ रक्षा सहयोग में चीन की बढ़ोतरी ऐसे समय में हुई है, जब अमेरिका और यूरोप रूस-यूक्रेन संघर्ष से पैदा हुए हालात पर ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। इस्लामिक सहयोग संगठन यानी ओआइसी के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने आए चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने इस्लामाबाद की अपनी यात्रा के दौरान कहा था कि चीन पाकिस्तान को अपनी क्षमता के अनुरूप मदद देने को तैयार है।
इस माह छह J-10CE लड़ाकू विमान दिए
मार्च की शुरुआत में चीन ने पाकिस्तान को 6 J-10CE लड़ाकू विमान दिए थे। जे-10सीई फाइटर जेट गत बुधवार को इस्लामाबाद में पाकिस्तान दिवस के मौके पर हुई परेड का भी हिस्सा थे। J-10CE एक 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान है, जो क्षमता के मामले में F-15s व F-35 स्टील्थ लड़ाकू विमानों की श्रेणी में शुमार है। इस परेड में पाकिस्तान ने अपनी सैन्य ताकत का प्रदर्शन किया था।
पाक की नौसैनिक क्षमता को भी बढ़ा रहा चीन
पाकिस्तान ने चीन के साथ संयुक्त रूप से विकसित कम से कम 50 नए जेएफ-17 लड़ाकू विमान भी सेना में शामिल किए हैं। पाकिस्तान के साथ चीन का बढ़ता रक्षा सहयोग सीधे तौर पर हाल ही में भारत की ओर से हासिल की गई रूसी एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली का जवाब है। इसे भारतीय हवाई अभियानों से संभावित खतरे की प्रतिक्रिया के रूप में भी देखा जा रहा है। यही नहीं चीन पाकिस्तान की नौसैनिक क्षमताओं को भी सुदृढ़ कर रहा है।