Assam News, Assam update, Assam tradition: दुनिया अजब-गजब है। जितने प्रांत, उतनी भाषाएं, वेश भूषा, संस्कृति, आचार-व्यवहार। आज हम बात करेंगे पीरियड्स को लेकर प्रचलित परंपराओं की। चलते हैं असम। यहां जब लड़की को पहली बार पीरियड्स होता है तो इस बात की खुशी किसी त्योहार सी मनाई जाती है। रिश्तेदारों को बुलायाा जाता है। यहां तक की कई लोग कार्ड भी छपवाते हैं। समारोह के लिए अच्छा सा हॉल बुक कराया जाता है। लड़की को किसी दुल्हन सा सजाया जाता है। उसे साड़ी पहनाई जाती है।
केले के पेड़ से कराई जाती है शादी
असम में पीरियड्स से जुड़ा जो रिवाज निभाया जाता है, उसे ‘तुलोनिया बिया’ कहा जाता है। इसके तहत संबंधित लड़की को सात दिनों तक एक कमरे में रखा जाता है, जहां उसे किसी से भी मिलने की इजाजत नहीं होती है। खासतौर पर पुरुषों से। और तो और इस दौरान लड़की को केवल फल ही खाने को दिया जाता है। वह भी दिन में सिर्फ एक बार। चार दिन बाद लड़की को हल्दी के पानी से नहलाया जाता है। जहां लड़की को नहलाया जाता है, वहां पर केले के पेड़ लगाए जाते हैं। ऐसी लड़कियों की शादी केले के पेड़ से करवाई जाती है। इधर, चार दिन बाद लड़की के घर में कुछ महिलाएं आती हैं, जो उसे पीरियड्स से जुड़े सामाजिक नियमों के बारे में बताती है।
जापान में बनाया जाता है ट्रेडिशनल डिश तो…
तमिलनाडु में ‘मंजल निरातु विज़ा’ त्योहार इस अवसर पर मनाया जाता है। नेपाल में भी चौपाड़ी प्रथा निभाई जाती है। इस दौरान महिलाओं को अलग एक बेड़े में रखा जाता है। हालांकि, नेपाल सरकार ने इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया है। ओडिशा में पीरियड्स के इस त्योहार को राजा प्रभा कहा जाता है। जापान में लड़की की मां सेकीहान नामक ट्रेडिशनल डिश बनाती है तो इजराइल में लड़की को पीरियड्स होने पर शहद चटाया जाता है।