National news, international news, G20 importance of ayurved, African country ambassador : जी-20 ब्लॉक में शामिल होने के बाद अफ्रीकी देश पारंपरिक चिकित्सा और एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल की भारतीय प्रणालियों में रुचि ले रहे हैं। इस कड़ी में मंगलावर को पूर्वी और दक्षिणी अफ्रीकी देशों के उच्चायुक्तों और राजदूतों के 15 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान(एआईआईए) का दौरा किया। प्रतिनिधिमंडल ने आयुर्वेद व एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में अत्याधुनिक विज्ञान और एआईआईए की भूमिका के बारे में जाना। इस दौरान उन्होंने एआईआईए अस्पताल, ओपीडी,और आयुर्वेद के माध्यम से प्राथमिक और मुख्य स्वास्थ्य देखभाल, सहायक चिकित्सा आदि में हुई प्रगति के बारे में प्रत्यक्ष रूप से जाना।
केंद्रीय मंत्री ने अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया
इस मौके पर अपने वीडियो संदेश में आयुष और बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोणोवाल ने अफ्रीकी प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए कहा कि यह यात्रा भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की क्षमता के माध्यम से अफ्रीकी देशों में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद करेगी। सर्बानंद सोणोवाल ने कहा कि पारंपरिक चिकित्सा ने हमेशा वैश्विक स्वास्थ्य देखभाल की आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। विश्व स्वास्थ्य संगठन भी इसकी क्षमता को पहचानता है। पारम्परिक चिकित्सा को मुख्य स्वास्थ्य देखभाल में शामिल करने से दुनिया भर में लाखों लोगों तक इसका लाभ पहुंचेगा। यह स्वास्थ्य और कल्याण के लिए जन केन्द्रित और समग्र दृष्टिकोण की दिशा में एक महत्त्वपूर्ण कदम होगा।
आयुर्वेद को वैश्विक समुदाय तक ले जाना ही मकसद
एआईआईए की निदेशक डॉ. तनुजा नेसारी ने समूह को एआईआईए की मुख्य उपलब्धियों के बारे में बताया और कहा, ‘एआईआईए आयुर्वेद को वैश्विक समुदाय तक ले जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है और 50 से अधिक संगठन,प्रतिष्ठित संस्थान एवं विश्वविद्यालय के साथ शोधों के लिए समझौता ज्ञापन में किया गया है, जिनमें से 17 अंतरराष्ट्रीय ख्याति के हैं। विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुनीत आर कुंडल, विदेश मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ, आयुष मंत्रालय के प्रधान सलाहकार प्रमोद कुमार पाठक भी उपस्थित थे।