अपनी चालबाजी के लिए विख्यात रहा चीन अब अपने ही बुने जाल में फंस रहा है। बता दें कि चीन में शादियों की संख्या घटकर 36 साल के निचले स्तर पर आ गई है। इससे यहां जनसांख्यिकीय संकट के उत्पन्न होने का खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे देश में जन्म दर में गिरावट आएगी। 2021 में पूरे चीन में शादी करने के लिए कुल 76 लाख 30 हजार जोड़ों ने पंजीकरण कराया, जो 1986 के बाद से पिछले 36 वर्षों में सबसे कम है।
विवाह पंजीकरण की संख्या में भी आई कमी
जनसांख्यिकी मामलों के जानकार याफू ने चीन के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स को बताया कि विवाह पंजीकरण की संख्या में गिरावट से देश में जन्म दर में गिरावट आएगी। इस साल की शुरआत में नेशनल ब्यूरो आफ स्टैटिस्टिक्स (एनबीएस) ने कहा कि चीन की जनसंख्या पिछले साल पांच लाख से भी कम बढ़ी है। जन्म दर में लगातार पांचवें साल गिरावट आई है। इससे जनसांख्यिकीय संकट का खतरा मंडरा रहा है। भविष्य में चीन की अर्थव्यवस्था पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।
अब दो बच्चे पैदा करने की मिल चुकी है अनुमति
पड़ोसी चीन ने दशकों पुरानी एक बच्चे की नीति को खत्म कर 2016 में सभी दंपती को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दे दी। नीति-निर्माताओं ने वर्तमान जनसांख्यिकीय संकट के लिए इस नीति को जिम्मेदार ठहराया था। इसके बाद बीजिंग ने पिछले साल संशोधित जनसंख्या और परिवार नियोजन कानून पारित किया था, जिसमें चीनी जो़ड़ों को तीन बच्चे पैदा करने की अनुमति दी गई थी ताकि जनसांख्यिकीय संकट को कम किया जा सके।