Pakistan (पाकिस्तान) में इमरान खान सरकार को करारा झटका लगा है। 4 दिन चली सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अविश्वास प्रस्ताव खारिज करना और नेशनल असेंबली भंग करना, दोनों काम गैरकानूनी थे। प्रधानमंत्री इमरान खान को यह अधिकार नहीं है कि वो राष्ट्रपति से संसद भंग करने को कहें। इस्लामाबाद में फौज और रेंजर्स तैनात कर दिए गए हैं। 7 April को अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान की दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा- ये साफ है कि डिप्टी स्पीकर का फैसला संविधान के खिलाफ है।
9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव पर संसद में होगी वोटिंग
9 अप्रैल को संसद का सत्र बुलाया जाएगा।
इसमें अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। इसके मायने ये हुए कि इमरान जिस फजीहत से बच रहे थे, वही होने लगा है। दरअसल, इमरान चाहते थे कि संसद में उन्हें वोटिंग के दौरान हार का मुंह न देखना पड़े। इसलिए उन्होंने डिप्टी स्पीकर के जरिये अविश्वास प्रस्ताव ही खारिज करा दिया। बाद में राष्ट्रपति को सिफारिश भेजकर संसद भंग करा दी। इसके पहले ही वो पूरे देश में रैलियां करने लगे थे।
सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया
1- सरकार किसी की वतन परस्ती पर सवाल नहीं उठा सकती। आप किसी को मुल्क का गद्दार कैसे कह सकते हैं।
2- आपने NSC की मीटिंग को सीक्रेट बताया है। हमें भी उसकी डिटेल्स नहीं देते। ये बताएं कि इतनी बड़ी मीटिंग मेें फॉरेन मिनिस्टर और NSA शामिल क्यों नहीं हुए? वो तो इस्लामाबाद में ही मौजूद थे।
3- अब हम कोई तर्क नहीं सुनेंगे। जो गैरकानूनी है और संविधान के खिलाफ है- हम उससे कोई बात नहीं करेंगे। 9 अप्रैल को संसद का सत्र बुलाएं और रात 10 बजे के पहले फैसला सुनाएं। अगर सरकार हार जाती है तो जितनी जल्द हो सके, नयी सरकार बनाने का प्रॉसेस शुरू करें।