Pakistan (पाकिस्तान) की एक आतंकवाद-रोधी अदालत (Anti terrorism court) ने 2008 के मुंबई हमले के एक मास्टरमाइंड को आतंकवाद के वित्तपोषण के एक मामले में 15 साल की जेल की सजा सुनाई है। लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा के नेताओं के आतंकवाद वित्तपोषण के मामलों से जुड़े एक वरिष्ठ वकील ने 24 जून को बताया, ‘इस महीने की शुरुआत में लाहौर में एक आतंकवाद-रोधी अदालत ने प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े साजिद मजीद मीर को 15 साल की जेल की सजा सुनाई है।’
₹4,00000 से अधिक का जुर्माना भी
पंजाब पुलिस का आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी), जो मीडिया को ऐसे मामलों में दोषसिद्धि की जानकारी साझा करता है, ने आतंकवाद के वित्तपोषण के मामले में मीर यह जेल में बंद कमरे की कार्यवाही थी, इसलिए मीडिया को अनुमति नहीं दी गई थी। वकील ने आगे कहा कि दोषी मीर अप्रैल में गिरफ्तारी के बाद से कोट लखपत जेल में है। उन्होंने कहा कि अदालत ने दोषी पर 4,00000 रुपये से अधिक का जुर्माना भी लगाया है।
5 मिलियन अमेरिकी डॉलर का था इनाम
इससे पहले यह माना जाता था कि मीर मर चुका है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की आखिरी बैठक से पहले, पाकिस्तान ने कथित तौर पर एजेंसी को बताया कि उसने साजिद मीर को FATF की ‘ग्रे लिस्ट’ से हटाने की मांग करने के लिए गिरफ्तार किया था और उस पर मुकदमा चलाया था। साजिद मीर पर 5 मिलियन अमरीकी डालर का इनाम है। साजिद 26/11 के मुंबई हमलों में अपनी भूमिका के लिए भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में है, जिसमें 166 लोग मारे गए थे।