पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए हर कोशिश कर रहे हैं। पहले उन्होंने विपक्ष के साथ जा रही पार्टी पीएमएल (क्यू) का समर्थन पाने के लिए पंजाब के अपने पसंदीदा मुख्यमंत्री की कुर्बानी दे दी। अब दूसरी पार्टी एमक्यूएम (पी) को केंद्र सरकार में एक मंत्रालय देने को राजी हो गए हैं। इमरान को पद से हटाने के लिए सोमवार को नेशनल असेंबली में विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ अविश्वास प्रस्ताव पेश कर चुके हैं। 161 सदस्यों के समर्थन के बाद यह प्रस्ताव स्वीकार कर सदन की बैठक दो दिन के लिए स्थगित कर दी गई है। नेशनल असेंबली के अध्यक्ष असद कैसर के मुताबिक 31 मार्च को सदन में इस अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी। चर्चा के बाद सदन की सहमति से सात दिन के भीतर अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान कराया जाएगा। माना जा रहा है कि अविश्वास प्रस्ताव पर एक से चार अप्रैल के बीच मतदान होगा।
अपना पक्ष मजबूत करने में जुटे हैं इमरान
वोटिंग से पहले इमरान अपना पक्ष मजबूत करने में जुट गए हैं। इमरान के साथ ही विपक्ष पंजाब में उनके करीबी मुख्यमंत्री उस्मान बुजदार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का ऐलान कर चुका था। इस पर सोमवार को प्रधानमंत्री इमरान खान ने उस्मान बुजदार का इस्तीफा लेकर उनके स्थान पर पीएमएल (क्यू) के नेता चौधरी परवेज इलाही को पंजाब का मुख्यमंत्री मनोनीत किया है। इस मनोनयन के बाद शाम होते-होते पीएमएल (क्यू) ने इमरान के समर्थन का ऐलान कर दिया। अब इमरान ने एक अन्य राजनीतिक दल एमक्यूएम (पी) को अपने साथ लाने की मशक्कत शुरू की है। उन्होंने एमक्यूएम (पी) को केंद्र सरकार में एक मंत्री पद देने की पेशकश की है। दोनों दलों के बीच बैठक में इस पर सहमति भी बन चुकी है।