Pakistan में इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने 3 मार्च को भारत को मौत की सजा पाने वाले कुलभूषण जाधव के लिए 13 अप्रैल तक एक वकील नियुक्त करने को कहा है, ताकि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा उनकी दोषसिद्धि और सजा की समीक्षा के लिए उनके मामले पर बहस की जा सके।
साल 2017 में सुनाई गई थी मौत की सजा
51 साल के जाधव सेवानिवृत्त भारतीय नौसेना अधिकारी हैं। उनको अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) में कांसुलर एक्सेस से इनकार करने के लिए संपर्क किया था। जाधव को मौत की सजा को चुनौती दी गई है। दोनों पक्षों को सुनने के बाद, हेग स्थित ICJ ने जुलाई 2019 में एक फैसला जारी किया, जिसमें पाकिस्तान से कहा गया कि वह जाधव को भारत का कांसुलर एक्सेस दे और उसकी सजा की समीक्षा भी सुनिश्चित करे।
तीन सदस्यीय पीठ का हुआ है गठन
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने अगस्त 2020 में मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनाल्लाह, न्यायमूर्ति अमीर फारूक और न्यायमूर्ति मियांगुल हसन औरंगजेब की तीन सदस्यीय बड़ी पीठ का गठन किया, जिसने बार-बार भारत से जाधव के लिए पाकिस्तान से एक वकील को नामित करने के लिए कहा है, लेकिन नयी दिल्ली ने अब तक इस पर जोर देकर इनकार कर दिया है। इसे भारतीय वकील नियुक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए।