Pakistan (पाकिस्तान) में सियासी हालात अत्यंत विकट होते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी बचे रहने की लगभग सारी उम्मीदें खत्म होती दिख रही हैं। इंटरनेशनल मीडिया की ओर से लगातार आ रही खबरें बता रही हैं कि इमरान खान न केवल वहां के विपक्षी दलों के निशाने पर हैं, बल्कि उनकी ही पार्टी के सांसद भी पूर्ण रूप से उन पर विश्वास नहीं कर रहे। लगभग दो दर्जन सांसद उनके खिलाफ हैं। ऐसी स्थिति में यदि अविश्वास प्रस्ताव पर वे उनके खिलाफ जाते हैं, तो उनकी गद्दी का जाना लगभग तय है। इस बीच सेना से भी उनके संबंध खट्टे हो चुके हैं और सेना ने उनका साथ छोड़ दिया है। यह स्वाभाविक रूप से सत्य है कि पाकिस्तान में वहां की आर्मी के सहयोग के बिना किसी का प्रधानमंत्री बने रहना अत्यंत कठिन है।
3 दिन पहले हुई थी मुलाकात
बताया जा रहा है कि पाकिस्तानी आर्मी ने इमरान खान से स्पष्ट कह दिया है कि वह कुर्सी छोड़ दें। पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इमरान से वह OIC की बैठक के बाद रिजाइन करने को कह दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, 3 दिन पहले ही प्रधानमंत्री इमरान खान ने सेना प्रमुख जनरल बाजवा और खुफिया अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम से मुलाकात की थी। इसके बाद बाजवा और तीन वरिष्ठ सैन्य अफसरों ने इमरान को इस्तीफा देने को कह दिया।
11 मार्च को ही सामने आई थी दरार
गौरतलब है कि 11 मार्च को ही इमरान और सेना के बीच दरार सामने आई थी। इमरान ने तब विपक्षी नेताओं के खिलाफ अपमानजनक भाषा का प्रयोग न करने की बाजवा की सलाह खारिज कर दी थी। उन्होंने कहा था कि बाजवा ने मुझसे कहा कि मैं जेयूआईएफ के नेता मौलाना फजलुर रहमान को डीजल न कहूं, लेकिन पाकिस्तान के लोगों ने ही उन्हें डीजल नाम दे दिया है। इसके बाद इमरान खान और सेना के बीच रिश्ते खराब होते गए और नौबत यहां तक पहुंच चुकी है कि इमरान का प्रधानमंत्री पद पर बने रहना अब संभव नहीं लगता।