पाकिस्तान में चुनाव की मांग को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के आह्वान पर निकाले गए इस्लामाबाद मार्च के दौरान गुरुवार को हिंसा भड़क उठी। इस दौरान आक्रोशित लोगों ने एक मेट्रो स्टेशन फूंक दिया गया। सुरक्षा बलों से टकराव में दस लोगों की मौत हो गयी। कई जवानों के घायल होने की भी जानकारी सामने आई है।
सुप्रीम कोर्ट ने लगाई थी इमरान की गिरफ्तारी पर रोक
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पाकिस्तान सरकार को जल्द चुनाव की घोषणा करने के लिए छह दिन का अल्टीमेटम देते हुए बुधवार को इस्लामाबाद मार्च का एलान किया था। पहले पाकिस्तान सरकार ने इस पर रोक लगा दी थी, किन्तु पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने न सिर्फ रैली की अनुमति देकर आजादी मार्च के लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराने, बल्कि इमरान की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी थी।
रावलपिंडी व इस्लामाबाद में शैक्षिक संस्थान बंद
इसके बावजूद इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के कार्यकर्ताओं को रोकने के दौरान पुलिस व पीटीआई कार्यकर्ताओं में हिंसक झड़प हो गयी। गुस्साए लोगों ने इस्लामाबाद का मेट्रो स्टेशन फूंक दिया। हिंसा इस कदर बढ़ी कि दस लोगों को जान गंवानी पड़ी। इसके बाद पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद में सेना तैनात कर दी है। इसके बावजूद हिंसा नहीं थमी। इस्लामाबाद के डी-चौक पर रात ढाई बजे गोलीबारी की गयी। इसके बाद रावलपिंडी व इस्लामाबाद में शैक्षिक संस्थान बंद कर दिये गए हैं। मुख्य मार्गों पर यातायात भी रोक दिया गया है।
इस्लामाबाद से कराची पहुंची हिंसा
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावा किया कि उनकी पार्टी के पांच प्रदर्शनकारी सुरक्षा बलों के साथ झड़पों में मारे गए। एक प्रदर्शनकारी आंसू गैस के गोले के बीच अटककर पुल से गिर गया और दूसरा रावी नदी में धकेल दिया गया। उन्होंने कराची तक हिंसा पहुंचने का दावा किया और कहा कि कराची में भी उनकी पार्टी के तीन कार्यकर्ता मारे गए हैं।