New Delhi news : लंबे समय से रूस और यूक्रेन के बीच जंग चल रही है। इस बीच यह महत्वपूर्ण सूचना आ रही है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के न्योते पर 23 अगस्त को पीएम मोदी यूक्रेन की यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार को घोषणा की कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 21 अगस्त को पोलैंड का दौरा करेंगे और दो दिन बाद 23 अगस्त को युद्धग्रस्त यूक्रेन में होंगे।
45 साल बाद किसी भारतीय पीएम की पोलैंड यात्रा
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच 23 अगस्त को यूक्रेन यात्रा पर जा रहे PM मोदी, 30 साल बाद
New Delhi news : लंबे समय से रूस और यूक्रेन के बीच जंग चल रही है। इस बीच यह महत्वपूर्ण सूचना आ रही है कि यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के न्योते पर 23 अगस्त को पीएम मोदी यूक्रेन की यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने सोमवार को घोषणा की कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 21 अगस्त को पोलैंड का दौरा करेंगे और दो दिन बाद 23 अगस्त को युद्धग्रस्त यूक्रेन में होंगे।
45 साल बाद किसी भारतीय पीएम की पोलैंड यात्रा
यह घोषणा विदेश मंत्रालय के सचिव पश्चिम तन्मय लाल ने की। तन्मय लाल ने बताया कि पीएम डोनाल्ड टस्क के निमंत्रण पर पीएम नरेंद्र मोदी इस सप्ताह 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। यह एक ऐतिहासिक यात्रा है क्योंकि भारतीय प्रधानमंत्री 45 साल बाद पोलैंड जा रहे हैं। यह यात्रा तब हो रही है जब हम अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं।
स्थायी शांति पर होगी बातचीत
उन्होंने कहा कि यह यात्रा नेताओं के बीच हाल की उच्च स्तरीय बातचीत पर आधारित होगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत ने बहुत स्पष्ट और सुसंगत स्थिति बनाए रखी है कि कूटनीति और बातचीत इस संघर्ष (रूस और यूक्रेन के बीच) को हल कर सकती है और जिससे स्थायी शांति हो सकती है, इसलिए बातचीत नितांत आवश्यक है।
यह घोषणा विदेश मंत्रालय के सचिव पश्चिम तन्मय लाल ने की। तन्मय लाल ने बताया कि पीएम डोनाल्ड टस्क के निमंत्रण पर पीएम नरेंद्र मोदी इस सप्ताह 21 और 22 अगस्त को पोलैंड की आधिकारिक यात्रा पर जाएंगे। यह एक ऐतिहासिक यात्रा है क्योंकि भारतीय प्रधानमंत्री 45 साल बाद पोलैंड जा रहे हैं। यह यात्रा तब हो रही है जब हम अपने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ भी मना रहे हैं।
स्थायी शांति पर होगी बातचीत
उन्होंने कहा कि यह यात्रा नेताओं के बीच हाल की उच्च स्तरीय बातचीत पर आधारित होगी। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि भारत ने बहुत स्पष्ट और सुसंगत स्थिति बनाए रखी है कि कूटनीति और बातचीत इस संघर्ष (रूस और यूक्रेन के बीच) को हल कर सकती है और जिससे स्थायी शांति हो सकती है, इसलिए बातचीत नितांत आवश्यक है।