यूं तो पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी अपने दिए बयानों से खासा चर्चा में बने रहते हैं। लेकिन शनिवार को पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में उनके द्वारा दिए गए बयान से पाकिस्तान के साथ साथ अमेरिका भी हतप्रभ है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को फोन कर के फरवरी में प्रधानमंत्री इमरान खान की रूस यात्रा पर आगे नहीं बढ़ने को कहा था। इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले नेशनल असेंबली में कुरैशी ने अमेरिका द्वारा पाकिस्तान में कथित सत्ता परिवर्तन समेत विदेश नीति से जुड़े प्रमुख मुद्दों पर खूब बात की। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आज एक ऐतिहासिक मोड़ पर है। अब यहां के लोगों को यह फैसला करना है कि वह एक आजाद देश में रहना चाहते हैं अथवा (पश्चिम का) गुलाम बनना चाहते हैं।
पाकिस्तान के हित में रूस जाने का निर्णय
कुरैशी ने कहा कि मैं इस बात को रिकार्ड पर लाना चाहता हूं कि विचार-विमर्श के बाद पाकिस्तान के बेहतर भविष्य के लिए रूस यात्रा का निर्णय लिया गया था। ऐसा यूक्रेन में उपजे हालात से कई महीने पहले किया गया था। गौरतलब है कि यूक्रेन पर रूसी हमले के कुछ ही घंटे बाद 24 फरवरी को इमरान खान ने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की थी।
अमेरिका के एनएसए ने किया था फोन
उन्होंने कहा कि हमारे हटने से पहले, मैं आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष को फोन कर हमें फरवरी में प्रधानमंत्री इमरान खान की रूस यात्रा को लेकर आगे नहीं बढ़ने को कहा था। दुनिया में कहां ऐसा होता है कि एक संप्रभु राष्ट्र अन्य देशों से निर्देश प्राप्त करे। कौन सा स्वतंत्र देश ऐसे निर्देशों को स्वीकार करेगा।’
अमेरिका ने आरोपों को किया खारिज
इधर, अमेरिका ने पाकिस्तान में सरकार गिराने संबंधी पाकिस्तानी पीएम इमरान खान और विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। विदेश विभाग की उप प्रवक्ता जलिना पोर्टर ने इमरान के आरोपों से जुड़े सवाल पर कहा कि मैं मजबूती के साथ बताना चाहती हूं कि इन आरोपों में कोई सत्यता नहीं है।’ उन्होंने कहा कि हम पाकिस्तान के राजनीतिक घटनाक्रम से वाकिफ हैं और वहां की संवैधानिक प्रक्रिया और कानून का सम्मान करते हैं।