पाकिस्तान अपना पुराना इतिहास एक बार फिर दोहराने जा रहा है। क्योंकि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के लिए पदच्युत होने का काउंटडाउन शुरू हो गया है। सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सेना ने इमरान खान से अस्पष्ट रुप से कह दिया है कि OIC की बैठक के बाद आप प्रधानमंत्री की कुर्सी छोड़ दें। वर्तमान समय में पाकिस्तान में इमरान खान का जमकर विरोध हो रहा है। जहां एक तरफ पाकिस्तानी सेना से उनके रिश्ते अच्छे नहीं हैं तो वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां इमरान सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग कराने की मांग कर रही हैं।
इमरान खान प्रधानमंत्री पद से कब देंगे इस्तीफा
सूत्रों की मानें तो पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने इमरान खान को ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कॉर्पोरेशन (OIC) की मीटिंग के बाद इस्तीफा देने के लिए कह दिया है। पाकिस्तानी सेना की तरफ से ये बात कहने वालों में पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा भी शामिल हैं।
कब होनी है OIC की बैठक
बताते चलें कि पाकिस्तान में OIC की मीटिंग 22 और 23 मार्च को होनी है। इससे पहले विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने धमकी दी थी कि अगर इमरान खान प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा नहीं देते हैं तो OIC की मीटिंग पाकिस्तान में शांति से नहीं हो पाएगी। उसका विरोध होगा।
विपक्षी के चक्रव्यूह में फंसे इमरान
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों के चक्रव्यूह में भी इमरान खान बुरी तरह से फंस चुके हैं। उनकी कुर्सी जानी लगभग तय है। विपक्ष इमरान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लेकर आया है, जिस पर वोटिंग होनी है। इससे पहले ही सत्तारूढ़ पार्टी पीटीआई के 24 सांसद बागी हो गए हैं। पाकिस्तान सरकार हालात संभालने के बजाय बागी सांसदों को ही धमका रही है कि वो सामने आ जाएं, वरना महीनों तक पार्टी के कार्यकर्ता उनका पीछा करते रहेंगे। उनकी पार्टी के बागियों का आरोप है कि अविश्वास प्रस्ताव पर 21 मार्च को संसद सत्र बुलाना संवैधानिक तौर पर अनिवार्य है, लेकिन स्पीकर जानबूझ कर देरी कर रहे हैं, ताकि इमरान खान को सांसदों को डराने-धमकाने या खरीदने का मौका मिल जाए। दूसरी ओर पाकिस्तानी स्पीकर की दलील है कि नेशनल असेंबली में ही 22 और 23 मार्च को इस्लामिक सहयोग संगठन का शिखर सम्मेलन होना है। संसद सत्र बुलाने के लिए दूसरी कोई सुरक्षित जगह इस्लामाबाद में नहीं है, इसलिए 25 मार्च से पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा नहीं हो सकती है। वहीं विपक्षी पार्टियां 21 मार्च को ही संसद सत्र बुलाने पर अड़ी हैं।
इमरान चुने हुए प्रतिनिधि नहीं
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान पर यह आरोप लगता रहा है कि वो जनता के चुने हुए प्रधानमंत्री नहीं हैं, बल्कि उन्हें पाकिस्तान की आर्मी ने चुना है। सच्चाई भी यही है, क्योंकि पाकिस्तान में सेना ही सरकार है और आर्मी चीफ उस सरकार के सरदार होते हैं। वहां सरकार नाम की चिड़िया को कब पिंजड़े में बंद करना है और कब उड़ने देना है, ये पाकिस्तान की आर्मी ही तय करती है। पाकिस्तानी सेना ने पहले इमरान खान को छूट दी और जब वो हद से ज्यादा बढ़ने लगे तो जनरल कमर जावेद बाजवा ने उनके पर कतर कर फड़फड़ाने के लिए छोड़ दिया।