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गर्व का क्षण : भारत में जन्मीं आरती प्रभाकर बनीं अमेरिकी राष्ट्रपति की शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार

गर्व का क्षण : भारत में जन्मीं आरती प्रभाकर बनीं अमेरिकी राष्ट्रपति की शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार

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भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक डॉ. आरती प्रभाकर को अमेरिकी राष्ट्रपति का शीर्ष वैज्ञानिक सलाहकार बनाया गया है। भारत की राजधानी नई दिल्ली में जन्मीं डॉ.आरती को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने व्हाइट हाउस के ऑफिस ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी पॉलिसी (ओएसटीपी) का प्रमुख नियुक्त किया है।अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने डॉ. आरती को ओएसटीपी के निदेशक के रूप में नियुक्त किया। अमेरिकी सीनेट की पुष्टि के बाद उनके हाथ में ओएसटीपी का नेतृत्व होगा। वे ओएसटीपी का नेतृत्व संभालने वाली पहली महिला, अप्रवासी एवं अश्वेत होंगी। इस समय ओएसटीपी निदेशक का प्रभार उपनिदेशक डॉ.एलोंड्रा नेल्सन के पास है। उन्हें एरिक लैंडर के स्थान पर कार्यभार सौंपा गया था। एरिक लैंडर ने इसी वर्ष फरवरी में ओसटीपी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया था। अब डॉ.आरती पूर्णकालिक रूप से एरिक लैंडर का स्थान लेंगी।

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने की नियुक्ति की घोषणा

डॉ.आरती की नियुक्ति की घोषणा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि वह एक शानदार और बेहद सम्मानित इंजीनियर और व्यावहारिक भौतिक विज्ञानी हैं। हमारी संभावनाओं का विस्तार करने, हमारी सबसे मुश्किल चुनौतियों को हल करने और असंभव को संभव बनाने के लिए वह विज्ञान और प्रौद्योगिकी नीति कार्यालय का नेतृत्व करेंगी। इसके अलावा वे विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार का लाभ उठाने की दिशा में भी काम करेंगी। सीनेट से पुष्टि के बाद डॉ.आरती विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रपति की सहायक, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए राष्ट्रपति की मुख्य सलाहकार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी पर राष्ट्रपति की सलाहकार परिषद की सह-अध्यक्ष तथा बाइडन मंत्रिमंडल की सदस्य होंगी।

अमेरिका के टेक्सास में की शुरुआती पढ़ाई

डॉ. आरती का जन्म नमी दिल्ली में हुआ था। शुरुआती पढ़ाई अमेरिका के टेक्सास में करने के बाद उन्होंने 1984 में कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से पीएचडी की। वे 30 जुलाई 2012 से 20 जनवरी 2017 तक यूनाइटेड स्टेट्स डिफेंस एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी की प्रमुख रहीं। इससे पूर्व उन्होंने 1993 से 1997 तक राष्ट्रीय मानक और प्रौद्योगिकी संस्थान का नेतृत्व किया। वे इसकी प्रमुख बनने वाली पहली महिला थीं। वह एक गैर-लाभकारी संगठन एक्चुएट की संस्थापक और सीईओ भी हैं।

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