दक्षिण अमेरिकी देश चिली में गेब्रियल बोरिक ने नए राष्ट्रपति के रूप में शपथ ले ली है। 36 साल के गेब्रियल बोरिक चिली के सबसे कम उम्र के राष्ट्रपति बने हैं। गत कुछ वर्षों से चिली असमानता को लेकर बार-बार बड़े पैमाने पर प्रदर्शनों को झेल रहा है। इन स्थितियों में वामपंथी झुकाव वाले पूर्व छात्र नेता गेब्रियल बोरिक ने देश में राजनीतिक और आर्थिक सुधार का संकल्प व्यक्त किया है। इससे पहले 17 साल की सैन्य तानाशाही झेल चुके चिली में 32 साल पहले लोकतंत्र बहाल हुआ था। 1973 से 1990 तक जनरल अगस्टो पिनोशे के शासन के दौरान लागू मुक्त बाजार मॉडल से उपजी गरीबी और असमानता को दूर करने के लिए बोरिक ने संकल्प जाहिर किया है।
सभी वर्गों के लिए काम करेंगे गेब्रियल
उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र ने आधुनिक चिली का आधार तैयार किया है। अब उनकी युवा व समावेशी सरकार सभी वर्गों के लिए काम करेगी। हमें कदम दर कदम बदलाव करना होगा क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो पीछे हटने का जोखिम बहुत अधिक है। उनका चार साल का कार्यकाल ऐसे समय में शुरू हो रहा है, जब संविधान सभा पिनोशे के शासन में अपनाए गए संविधान को बदलने के लिए एक नया संविधान तैयार कर रही है। चिली सीनेट के सोशलिस्ट पार्टी के नेता अलवारो एलिजाल्डे ने बंदरगाह शहर वालपराइसो में संसद भवन में समारोह के दौरान बोरिक के कंधों पर राष्ट्रपति का प्रतीक चिह्न पहनाया। इसके तुरंत बाद बोरिक ने अपने कैबिनेट नेता के तौर पर शपथ ली। बोरिक की कैबिनेट में 14 महिलाएं और 10 पुरुष शामिल हैं।