ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार भारतीय मूल के ऋषि सुनक ने शनिवार को अपने को इस चुनाव में कमजोर प्रत्याशी बता दिया। उनके इस वक्तव्य के कई मायने निकाले जा रहे हैं। वैसे प्रधानमंत्री की दौड़ में ऋषि सुनक अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवार से आगे चल रहे हैं। इसके बाद भी उन्होंने खुद को कमजोर प्रत्याशी मान लिया है। कार्यवाहक प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के मंत्रिमंडल में वित्त मंत्री रहे सुनक ही वह नेता थे, जिन्होंने सबसे पहले इस्तीफा देकर ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जानसन के विरोध में आवाज बुलंद किया था। इसके बाद ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन मंत्री परिषद से इस्तीफा देने वालों का तांता लग गया था।
5 सितंबर को नए प्रधानमंत्री के नाम का होगा एलान
ब्रिटिश प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के लिए अभी तक कंजरवेटिव पार्टी के सांसदों के मतदान के सभी चरणों में ऋषि सुनक आगे हैं। अब पार्टी देशभर में करीब दो लाख सदस्यों की राय लेगी। दो लाख लोग पोस्टल बैलट के जरिये अपनी राय पार्टी को बताएंगे। उनके मतों की गिनती के बाद विजयी नेता के नाम की घोषणा की जाएगी। पांच सितंबर को ब्रिटेन के नए प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा होगी। इस चुनाव में विदेश मंत्री लिज ट्रस सुनक को चुनौती दे रही हैं।
विदेश मंत्री लिज ट्रस को प्राप्त है जॉनसन का समर्थन
माना जा रहा है कि उन्हें जानसन का समर्थन भी हासिल है। बावजूद इसके मंगलवार को हुए सांसदों के अंतिम दौर के मतदान में सुनक को 118 जबकि ट्रस को 86 मत मिले थे। लेकिन गुरुवार को हुए एक अनाधिकारिक पोल में ट्रस को बढ़त हासिल हुई है। चुनाव में अगर सुनक जीतते हैं तो वह भारतीय मूल के पहले ब्रिटिश प्रधानमंत्री होंगे जबकि ट्रस जीतती हैं तो वह ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी। मध्य इंग्लैंड के ग्रेंथम शहर में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए सुनक ने कहा, वह अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाएंगे।
चुनौतियों से देश को उबारेंगे ऋषि सुनक
ऋषि सुनक ने 2030 तक रक्षा बजट को बढ़ाकर जीडीपी का तीन प्रतिशत करने की ट्रस की घोषणा पर कटाक्ष किया। कहा कि ब्रेक्जिट के बाद रक्षा बजट बढ़ाने से जरूरी कई कार्य हैं। देश को मजबूत बनाने के लिए वह उन पर ध्यान देंगे। एक अखबार को दिए साक्षात्कार में सुनक ने कहा है कि वह ब्रेक्जिट के बाद पैदा हुई चुनौतियों से सरकार और देश को उबारेंगे और लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करेंगे