रूस के हमलों के बीच यूक्रेन को जर्मनी से बड़ी मदद मिलने वाली है। समाचार एजेंसी एएफपी ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि जर्मनी, यूक्रेन को 2700 और हवा-रोधी मिसाइलें देगा। इधर, रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध का आज आठवां दिन है। दोनों देशों के बीच गुरुवार को पोलैंड-बेलारूस बार्डर पर वार्ता भी हो रही है। लेकिन रूस पूरी ताकत के साथ यूक्रेन के शहरों को निशाना बना रहा है। इसके कारण कई लाख लोगों ने यूक्रेन को छोड़ दिया है। वहीं भारत भी अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है। भारत आपरेशन गंगा के तहत भारतीयों को यूक्रेन के पड़ोसी देशों के रास्ते उन्हें सुरक्षित वहां से निकाल रहा है। विदेश मंत्रालय के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी आज अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्काट मारिसन और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा के साथ क्वाड लीडर्स की वर्चुअल बैठक में हिस्सा लेंगे। बता दें कि पोलैंड से भारतीय वायु सेना का तीसरा C-17 विमान हिंडन एयरपोर्ट पहुंच गया है।
यूक्रेन के हालात पर हुई बैठक
विदेश मंत्री डा एस जयशंकर ने बताया कि अभी-अभी यूक्रेन के घटनाक्रम पर विदेश मंत्रालय की सलाहकार समिति की बैठक हुई है। मुद्दे के सामरिक और मानवीय पहलुओं पर अच्छी चर्चा हुई है। इधर यूक्रेन के हालात पर आज विदेश मामलों पर संसद की सलाहकार समिति की बैठक हुई। इस बैठक में शशि थरूर ने कहा कि एक व्यापक ब्रीफिंग और हमारे सवालों और चिंताओं के स्पष्ट जवाब के लिए डा एस जयशंकर और उनके सहयोगियों को मेरा धन्यवाद। विदेश नीति इसी भावना से चलनी चाहिए।
अब तक 149 छात्र कर्नाटक लौटे
कर्नाटक राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के आयुक्त डा मनोज राजन ने बताया कि आपरेशन गंगा के जरिए कर्नाटक मूल के 149 छात्र राज्य लौट चुके हैं। उन्होंने बताया कि दिल्ली और मुंबई से 24 जत्थे अब तक पहुंच चुके हैं। शाम को 34 लोगों का दल बेंगलुरु पहुंचेगा। शुक्रवार को 16 उड़ानें बेंगलुरु पहुंचेंगी।
10 लाख लोगों ने छोड़ा यूक्रेन
यूएन ने गुरुवार को कहा कि बीते एक हफ्ते में 10 लाख से अधिक शरणार्थी देश छोड़कर भागे हैं। यूएनएचसीआर के उच्चायुक्त फिलिपो ग्रांडी ने अपने ट्विटर हैंडल पर कहा कि सिर्फ सात दिनों में 10 लाख से ज्यादा लोग यूक्रेन से पड़ोसी देशों में पलायन कर चुके हैं। यूक्रेन के अंदर, लाखों लोगों के लिए बंदूकों के शांत रहने का समय आ गया है, जिससे मानवीय सहायता दी जा सके।