Ukraine पर Russia के आक्रमण के बाद दुनियाभर के कई देशों ने मास्को पर प्रतिबंधों की बौछार कर दी है। AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका, ब्रिटेन के साथ इस कड़ी में यूरोपीय यूनियन, जापान, आस्ट्रेलिया और ताइवान जैसे देश भी शामिल हो गए हैं। इसके जरिये दुनिया भर के नेता क्रेमलिन पर दबाव बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिका ने बढ़ाया प्रतिबंधों का दायरा
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 25 February को रूस के खिलाफ अपने प्रतिबंधों को और आगे बढ़ाते हुए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की यात्रा पर भी प्रतिबंध लगा दिया। पुतिन ने जब यूक्रेन में “सैन्य अभियान” की घोषणा की थी, तब उसके कुछ घंटों बाद ही बाइडेन ने रूस के खिलाफ कड़े प्रतिबंधों की घोषणा कर दी थी। ऐसा करने वाले वो विश्व के पहले नेता थे। तब अमेरिका ने चार रूसी बैंकों पर वित्तीय मदद देने पर प्रतिबंध लगा दिया था. इसके अलावा अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी तक उसकी पहुंच बाधित करने और रूस के सांसदों के अमेरिका यात्रा पर बैन लगा दिया था. अमेरिका ने ऊर्जा क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गज़प्रोम और 12 अन्य प्रमुख कंपनियों को पश्चिमी वित्तीय बाजारों में पूंजी जुटाने पर भी रोक लगा दिया था।
27 देशों में रूसी नागरिकों के प्रवेश पर प्रतिबंध
यूरोपीय यूनियन ने भी रूसी राष्ट्रपति पुतिन और विदेश मंत्री लावरोव पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिया है। रूस पर प्रतिबंधों के एक व्यापक पैकेज को मंजूरी देने के लिए ब्रुसेल्स में आयोजित यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों की बैठक में इस कदम पर सहमति व्यक्त की गई थी। यूरोपियन यूनियन के नेताओं द्वारा रातों-रात शिखर सम्मेलन में प्रतिबंधों के लिए मंजूर किया गया पैकेज रूस के वित्तीय, ऊर्जा और परिवहन क्षेत्रों को प्रभावित करता है, और यूरोपीय यूनियन के बैंकों में रूस द्वारा बड़ी मात्रा में नकदी रखने की क्षमता पर अंकुश लगाता है। यूनियन ने क्षेत्र के 27 देशों में रूसी नागरिकों के प्रवेश पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
ब्रिटेन और कनाडा का रुख कड़ा
ब्रिटेन सरकार ने भी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की सभी संपत्तियों को फ्रीज करने और अपने हवाई क्षेत्र से उनके विमानों के गुजरने पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है। कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो ने भी शुक्रवार को अन्य वैश्विक नेताओं की ही तरह पुतिन और लावरोव पर यात्रा प्रतिबंध लगा दिए. इसके अलावा ट्रूडो ने “कनाडा के समर्थन से रूस को स्विफ्ट भुगतान प्रणाली से हटाने का संकेत दिया, जो वैश्विक बैंकिंग प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है.” उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति पुतिन के आक्रमण को बढ़ावा देने के लिए बेलारूस पर भी प्रतिबंधों को मंजूरी दी जाएगी।