Ukraine पर Russia के खिलाफ यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल यानी संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में 25 February को चर्चा के दौरान रूस ने उस प्रस्ताव पर वीटो लगा दिया, जिसमें यूक्रेन के खिलाफ रूस की “आक्रामकता” की “कड़े शब्दों में निंदा” की गई थी और रूसी सैनिकों की तत्काल वापसी की मांग की गई थी। हालांकि, रूस से इस कदम की अपेक्षा पहले से ही की जा रही थी।
चीन और यूएई भी वोटिंग से रहे दूर
AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, UNSC के 15 सदस्यों में से ग्यारह ने रूस के खिलाफ पेश प्रस्ताव, जिसे संयुक्त राज्य और अल्बानिया द्वारा सह-लिखित किया गया था, के पक्ष में मतदान किया, जबकि चीन, भारत और यूएई ने वोटिंग से परहेज किया. भारत ने यूक्रेन पर हमले की निंदा की है और बातचीत के जरिए समाधान निकालने पर जोर दिया है।
वीटो के कारण प्रस्ताव विफल
परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में मास्को की वीटो शक्ति के कारण रूस के खिलाफ यह प्रस्ताव विफल रहा। बावजूद इसके सुरक्षा परिषद में इस बहस ने पड़ोसी यूक्रेन पर हमला करने के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के फैसले की निंदा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान कर दिया।
भारत ने कहा, कूटनीतिक तरीके से हो मसले का हल
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मीटिंग में भारत ने रूस के खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की और लगातार यही कहा कि कूटनीतिक तरीके से मसले का हल होना चाहिए। अमेरिका को उम्मीद थी कि भारत इस मसले पर रूस का साथ नहीं देगा और उसके पाले में आ जाएगा। चीन और भारत जैसे बड़े देशों के दूरी बनाने से उसके खेमे में बेचैनी दिख रही है।
भारत ने रूस के खिलाफ प्रस्ताव पर वोट नहीं किया क्योंकि…
- संयुक्त राष्ट्र में भारत के रिप्रेजेंटेटिव टीएस तिरुमूर्ति ने कहा- इस बात का अफसोस है कि डिप्लोमैसी का रास्ता छोड़ दिया गया है, हमें उस पर लौटना होगा। इन सभी वजहों से भारत ने इस प्रस्ताव पर परहेज करने का विकल्प चुना है।
- तिरुमूर्ति बोले- सभी सदस्य देशों को कंस्ट्रक्टिव तरीके से आगे बढ़ने के लिए यूएन के सिद्धांतों का सम्मान करना जरूरी है। आपसी मतभेदों और विवादों को निपटाने के लिए डायलॉग ही एकमात्र तरीका है, हालांकि इस समय यह मुश्किल लग सकता है।
- भारत ने कहा कि यूक्रेन में हाल के घटनाक्रम से भारत बहुत ज्यादा परेशान हैं। हिंसा और दुश्मनी को जल्द खत्म करने की सभी कोशिशें की जाएं। इंसानी जान की कीमत पर कोई भी हल नहीं निकाला जा सकता है।
अमेरिकी राजदूत ने कहा…
संयुक्त राष्ट्र में अमेरिकी राजदूत लिंडा थॉमस-ग्रीनफील्ड ने मतदान के बाद कहा, “मैं एक बात स्पष्ट कर दूं. रूस, आप इस प्रस्ताव पर वीटो लगा सकते हैं, लेकिन आप हमारी आवाज़ पर वीटो नहीं लगा सकते. आप सच्चाई को वीटो नहीं कर सकते, आप हमारे सिद्धांतों को वीटो नहीं कर सकते, आप यूक्रेनी लोगों को वीटो नहीं कर सकते।”