रूसी सेना के हमलों के बीच यूक्रेन सरकार का अहम बयान आया है। इसमें कहा गया है कि रूस यूक्रेन को तोड़ना चाहता है। वह यूक्रेन के कुछ हिस्से पर कब्जा कर वहां पर अपनी पसंद की सरकार बनवाना चाहता है। ऐसे किसी प्रयास को विफल करने के लिए राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने तल्ख अंदाज में पश्चिमी देशों से लड़ने के लिए लड़ाकू विमानों, टैंकों और मिसाइलों की मांग की है। जबकि रूसी सेना को रोकने के लिए यूक्रेन के खुफिया प्रमुख किरिलो बुडानोव ने गुरिल्ला युद्ध छेड़ने के संकेत दिए हैं। यूक्रेन की ओर से ये बयान पूर्वी यूक्रेन के लुहांस्क क्षेत्र में रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह की प्रक्रिया चलाए जाने के संकेत के बाद आए हैं। रूस ने इसी तरह की प्रक्रिया से 2014 में यूक्रेन का हिस्सा रहे क्रीमिया को खुद में मिलाया था।
गुरिल्ला युद्ध लड़ने के संकेत
यूक्रेनी खुफिया प्रमुख ने कहा है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कोरिया प्रायद्वीप के बंटवारे की तरह रूस यूक्रेन के भी दो टुकड़े करना चाहता है। खुफिया प्रमुख ने लड़ाई में पिछड़ने की स्थिति में रूसी सेना से गुरिल्ला युद्ध लड़ने के संकेत दिए हैं। इस युद्ध में यूक्रेनी लड़ाके छोटी-छोटी टुकडि़यों में बंटकर रूसी सेना पर अचानक हमला बोलेंगे और उसे नुकसान पहुंचाकर भाग जाएंगे। इससे यूक्रेन में युद्ध लंबा खिंच सकता है और रूसी सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
लुहांस्क रूस में शामिल हो सकता है
पूर्वी यूक्रेन स्थित लुहांस्क इलाका जल्द ही जनमत संग्रह के जरिये रूस में शामिल होने की राय जाहिर कर सकता है। इस इलाके के एक हिस्से पर रूस समर्थित विद्रोहियों का 2014 से कब्जा है, पिछले एक महीने के युद्ध में रूसी सेना के समर्थन से ये विद्रोही अब पूरे लुहांस्क पर काबिज हो गए हैं। यह विद्रोहियों के कब्जे वाले डोनेस्क के पड़ोस का इलाका है। दोनों ही इलाकों को रूस ने 24 फरवरी को युद्ध छिड़ने से पहले यूक्रेन से स्वतंत्र घोषित कर दिया था।