Russia और Ukraine के बीच जंग का तीसरा दिन यानी 26 फरवरी और भयावह हो गया है। अब रूसी अटैक से यूक्रेन की सेना ही सिर्फ नहीं लड़ रही है, बल्कि नागरिक भी अपने देश की रक्षा करने के लिए युद्ध में कूद गए हैं। हथियारों के साथ रूसी सेना का मुकाबला कर रहे हैं। AFP की रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन ने बचाव के लिए आम लोगों को राइफलें दी हैं।
युद्ध के मैदान में उतरे प्रख्यात इतिहासकार यूरी कोरचेमनी
यूक्रेनियन इतिहासकार यूरी कोरचेमनी (Yuriy Korchemniy) ने अपने जीवन में कभी भी असॉल्ट राइफल नहीं चलाई। लेकिन वह भी एक कलाश्निकोव (राइफल) उठाए हैं। 35 वर्षीय कोरचेमनी मुस्कुराते हुए कहते हैं कि उन्होंने हमें लोड कर राइफलें दी।
कीव ब्रिज अंडरपास के पास वह कुछ अन्य पुरुषों के साथ सुरक्षा में लगे हुए थे। यह अंडरपास राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की के प्रशासनिक परिसर की ओर जाता है। सड़क का उल्टा हिस्सा सोवियत शैली के टावर ब्लॉकों के वर्किंग क्लास डिस्ट्रिक्ट से होकर गुजरता है। यहां पर कुछ ही घंटों पहले ही रूसी सेना के एक छोटे ग्रुप के साथ घातक गोलीबारी देखी गई थी। एक चश्मदीद ने बताया कि एक तेज रफ्तार बख्तरबंद वाहन से रूसियों द्वारा चलाई गई गोलियों से नागरिक की मौत हो गई। यूरी कोरचेमनी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सेना के खिलाफ यूक्रेनी राजधानी की रक्षा में अपनी भूमिका के बारे में थोड़ा अनिश्चित लग रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं केवल सिंगल राउंड शूट ही करना जानता हूं।
घर में रहकर कुछ भी नहीं करने से बेहतर है जंग में उतरना
गौरतलब है कि यूक्रेन की सेना ने 18 से 60 वर्ष की आयु के बीच किसी से भी बंदूक लेने और लड़ने के लिए तैयार होने का आग्रह किया है। इस कदम को लेकर पैराग्लाइडिंग प्रशिक्षक रोमन बोंडर्त्सेव (Roman Bondertsev) कहते हैं कि यह घर पर कुछ भी नहीं करने से बेहतर है। इस तरह मुझे कम डर लगता है। अगर मुझे गोली मार दी जाती है, तो दो लोग मेरे हथियार लेने और मेरी जगह लेने के लिए तैयार होंगे।