Russia (रूस) और Ukraine (यूक्रेन) के बीच युद्ध 10 मार्च को 15वें दिन में प्रवेश कर चुका है। रूस अपनी आक्रामकता में कोई कमी नहीं कर रहा है। अपनी रणनीतियों के तहत तमाम विरोधों, प्रतिबंधों और शांति के प्रयासों के बावजूद आगे बढ़ रहा है। यह महत्वपूर्ण है कि 9 मार्च को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यह घोषणा की थी कि उन्हें नाटो की सदस्यता नहीं चाहिए और रूस जिन मुद्दों को लेकर युद्ध कर रहा है, उस पर वह बातचीत करने को तैयार हैं, पर अभी तक रूस की ओर से उस पर कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आ रही खबरों के अनुसार, इस बीच 9 मार्च को ही अमेरिका ने यह चेतावनी दी है कि रूस यूक्रेन में Bioweapons यानी जैव हथियारों का भी प्रयोग कर सकता है।
रूसी दावे का किया खंडन
अमेरिका (US) ने उस रूसी दावे (Russian Claim) का खंडन किया, जिसमें यह कहा जा रहा था कि अमेरिका ने यूक्रेन में जैवहथियारों के कार्यक्रम (Bioweapons Program) का समर्थन किया। अमेरिका ने कहा, इन आरोपों से ऐसा संकेत मिलता है कि रूस खुद जल्द ही यूक्रेन में जैवहथियारों का प्रयोग करने जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने एक बयान में कहा,”रूस की संसद जानबूझकर यह झूठ फैला रही है कि अमेरिका और यूक्रेन मिलकर यूक्रेन में जैवहथियारों की गतिविधियां फैला रहे थे। “रूस यूक्रेन में अपने घातक कदमों को सही साबित करने के लिए झूठी पटकथा गढ़ रहा है।”
चीन पर भी साधा निशाना
अमेरिकी राष्ट्रपति भवन के प्रेस सचिव जेन साकी ने इन दावों को “निर्थरक” बताया है और कहा है कि हमने इन षड़यंत्रकारी सिद्दांतों का समर्थन करते हुए चीनी अधिकारियों को भी देखा है। बता दें कि 6 मार्च को रूस के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया था कि रूसी सेना को यूक्रेन की राजधानी कीव में ऐसे सबूत मिले हैं कि यूक्रेन अपने सैन्य जैवहथियार कार्यक्रम का सबूत मिटाना चाह रहा था, जिसके लिए पैसा कथित तौर से अमेरिका से मिल रहा था।