Russia (रूस) और Ukraine (यूक्रेन) के बीच जंग का 14 मार्च को 19वां दिन हो चुका। रूस हमले की आक्रामकता को और तेजी से आगे बढ़ा रहा है। अब यूक्रेन के पश्चिमी इलाकों में भी ताबड़तोड़ हमले हो रहे हैं। 13 मार्च के हमलों से स्पष्ट हो गया था कि तमाम प्रतिबंधों और शांति की पहल के बावजूद रूस एक कदम पीछे हटने को तैयार नहीं है। यह सही है कि रूस ने जैसा सोचा था, उतने समय के अंतर्गत उसे वह सफलता न मिली। दुनिया के तमाम देशों और ग्लोबल कंपनियों की ओर से उस पर आर्थिक दबाव बढ़ा है और उसकी आर्थिक स्थिति भी चरमरा रही है, लेकिन रूस अपने लक्ष्य की ओर आगे बढ़ रहा है।
रूसी प्रेसिडेंट पुतिन ने चीनी प्रेसिडेंट जिनपिंग से अतिरिक्त सहायता मांगी
इस बीच इंटरनेशनल मीडिया में आ रही खबरों से यह पता चलता है की रोशनी अपने सहयोगी और निकट मित्र चीन से मिलिट्री और आर्थिक सहायता की मांग की ताकि युद्ध में वह अपना लक्ष्य हासिल कर सके। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने यूक्रेन में अपनी लड़ाई तेज करने के लिए चीन से मिलिट्री इक्विपमेंट मांगे हैं। अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अतिरिक्त आर्थिक सहयोग भी मांगा है, ताकि अमेरिका, यूरोप व एशियाई देशों की तरफ से लगाए प्रतिबंधों से अपनी इकोनॉमी को बचा सके।
जंग के खिलाफ रूस में भारी प्रदर्शन
एएफपी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मॉस्को में यूक्रेन पर हमले के खिलाफ रविवार को बहुत बड़ा प्रदर्शन किया गया। रूसी पुलिस ने इसमें शामिल 800 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। जर्मनी की राजधानी बर्लिन समेत कई शहरों में भी यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ हजारों लोग सड़कों पर उतरे। यूक्रेन के झंडे और ‘नो वॉर’ व ‘पीस’ जैसे स्लोगन लिखे बैनर लेकर प्रदर्शन कर रही भीड़ ने रूस से तत्काल यूक्रेन पर हमला बंद करने की अपील की।
विदेशी प्रतिबंधों से रूस के 2.30 लाख करोड़ रुपये का फंड फ्रीज
रूस के वित्त मंत्री एंटोन सिलुआनोव ने 13 मार्च को कहा कि विदेशी प्रतिबंधों से करीब 2.30 लाख करोड़ रुपये का फंड फ्रीज हो गया है। यह फंड रूसी सरकार 4.91 लाख करोड़ रुपए के रेनी-डे फंड का हिस्सा था।
उधर, यूक्रेन के मानव अधिकार निगरानी समूह ने रूस पर पोपसाना शहर में फास्फोरस बम से हमला करने का आरोप लगाया है। हालांकि इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी है